मंदिर में जाकर पूजा करने पर सिर्फ इंसान को शान्ति ही नहीं मिलती हमे यकीन भी होता है कि इस्वर हमे अपना आशीष देंगे। हमारा भला करेंगे। लगभग मंदिरों में पूजा करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में एक मंदिर ऐसा भी है जहां पूजा करने पर मिलता है श्राप। भगवान शिव की इस मंदिर में केवल दर्शन तो कर सकते हैं, पूजा नहीं।
देवभूमि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के बल्तिर गांव में बना शिव मंदिर अपनी बेजोड़ स्थापत्य कला के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नाम हथिया देवाल है। इस मंदिर के हथिया देवाल नाम पड़ने के पीछे एक रोचक कथा है। इस स्थान पर कभी कत्यूरी राजा का शासन हुआ करता था। राजा अपने राज्य में बेजोड़ स्थापत्य का निर्माण करवाता रहता था। राजा कत्यूरी ने ही इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
इस मंदिर को एक बेहद कुशल कारीगर ने अपने एक हाथ से महज़ एक रात में बनाया था। उसने एक चट्टान को रातभर में काटकर मंदिर का निर्माण किया था। लेकिन इस मंदिर में बने शिवलिंग को प्राण-प्रतिष्ठित नहीं किया गया है। इसी कारण से इस मंदिर में शिव की पूजा नहीं होती है। अब यह परंपरा का रूप ले चुकी है। लोगों के बीच फैली मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति इस मंदिर में पूजा करेगा उसे भगवान का श्राप लगेगा।