अलग ही मजा है पीलीभीत के ‘चूका बीच’ का
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नेपाल से आ रही शारदा नदी की नहर का यहां बाइफरकेशन होता है। जिससे पानी की कल-कल करती आवाज आती है। किनारों पर समंदर के बीच जैसा एहसास कराता रेत का मैदान लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। यहां बनी झील की चौड़ाई करीब ढाई और लंबाई सत्रह किमी. है।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। पक्षियों का कलरव और जानवरों की आवाजें अपनी ओर खूब ध्यान खींचती हैं। पीपल और पाकड़ के जंगल के बीच से गुजरती यहां तक पहुंचाने वाली सड़क पर कहीं-कहीं दिन में ही इतना अंधेरा हो जाता है कि वाहनों को हेडलाइट तक जलानी पड़ जाती है। वहीं बीच पर घडि़याल भी सामान्य तौर पर दिखाई दे जाते हैं।
यहां जाने के लिए नवंबर से जून तक का समय सबसे उचित होता है। यहां कैंप फायर का अपना अलग आनंद है। हालांकि यहां पर शराब और मांस का सेवन प्रतिबंधित है। आप पॉलीथिन में भी कोई सामान नहीं ले जा सकते।
चूका बीच जाने के लिए सबसे करीबी रेलवे स्टेशन पीलीभीत है। यहां से करीब 65 किमी. सड़क मार्ग से चूका बीच जाया जा सकता है। वहीं सबसे करीब हवाईअड्डा पंतनगर है। पीलीभीत से लगातार दिल्ली और लखनऊ के लिए परिवहन निगम की बसें चलती रहती हैं।