November 23, 2024     Select Language
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धर्म

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OMG : अपने एक काम से महिला ने बचाए 6,35,538 रुपये 
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कोलकाता टाइम्स : क्रिसी मिलान नाम ने अपनी ज़िंदगी में कंजूसी की आदत से खूब मुनाफा कमाया है. महिला को थाइलैंड घूमते हुए ये आइडिया आया कि वो अपनी लाइफस्टाइल पर फालतू का खर्चा करती है. इसके बाद क्या था, वापस लौटकर ही उसने अपना बटुआ बांधकर रख दिया और सालभर से कोई शॉपिंग नहीं […]Continue Reading
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सावधान! खुलने वाले है घोषणा पत्र यानी वादों के पिटारे
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-प्रियंका सौरभ भारत में चुनावी वर्ष नज़दीक आते ही राजनीतिक पार्टियाँ सत्ता में आने के लिये लोक-लुभावनी घोषणाएँ करने लगती हैं, जैसे मुफ्त में बिजली-पानी, लैपटॉप, साइकिल आदि देने के वायदे करना आदि। यह प्रचलन लोकतंत्र में चुनाव लड़ने के लिये सभी को समान अवसर मिलने के मूल्य के उल्लंघन को तो दर्शाता ही है, साथ ही सत्ता में […]Continue Reading
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“आया राम गया राम” ने लंबे समय से भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित किया है।
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-डॉ. सत्यवान सौरभ दल-बदल विरोधी कानून सरकार स्थिरता में कारगर होने की बजाय खरीद फरोख्त का तरीका है। ” दल-बदल क़ानून के दायरे से बचने के लिए विधायक या सांसद इस्तीफा दे रहे हैं. लेकिन ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि जिस पीरियड के लिए वो चुने गए थे, अगर उससे पहले उन्होंने स्वेच्छा से […]Continue Reading
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50 सालों से सिर्फ एक ड्रिंक, नहीं पिया एक भी बूंद पानी
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कोलकाता टाइम्स : सभी जानते हैं कि एक इंसान के लिए पानी सबसे ज्यादा जरूरी है. बिना पानी के इंसान 7 दिनों तक जिंदा नहीं रह सकते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताना जा रहे हैं. जिसने लगभग पचास सालों से पानी नहीं पिया है. इस शख्स का कहना […]Continue Reading
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राम मंदिर: सियासी मंच या आस्था का उत्सव  
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–प्रियंका सौरभ राजनीति अपनी जगह है लेकिन राम मंदिर करोडों भारतीयों के लिए आस्था का विषय है। राजनीति कैसे साधारण विषयों को भी उलझाकर मुद्दे में तब्दील कर देती है, रामजन्मभूमि का विवाद इसका उदाहरण है। आज के भारत का मिजाज़, अयोध्या में स्पष्ट दिखता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, तो कुछ दिन […]Continue Reading
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एनजीओ की गतिविधियों पर नजर समय की मांग
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-डॉ सत्यवान सौरभ कोई एनजीओ, जिसके पास पैसे की कमी नहीं है, अपनी मनमर्जी काम करता रहेगा, चाहे वह कानून विरुद्ध ही क्यों न हो। लेकिन ऐसा करने के पहले, वह बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त अधिकारियों, जजों, प्रभावशाली नेताओं आदि को अपने ‘बोर्ड या ट्रस्ट’ में शामिल कर लेगा। उनका काम कुछ खास नहीं होगा, […]Continue Reading
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पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को निगलते रासायनिक उर्वरक
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–डॉ. सत्यवान सौरभ रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों को हल करने में लगेंगे कई साल, वैकल्पिक और टिकाऊ तरीकों पर विचार करना बुद्धिमानी। किसानों को उर्वरकों के उपयोग की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करें, जिसमें सही मात्रा, समय और उपयोग की तकनीकें शामिल हैं। जो किसान अधिक ज्ञान प्राप्त करेंगे वे निर्णय लेने में बेहतर ढंग से […]Continue Reading
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समान नागरिक संहिता देश और समाज के विकास का महत्वपूर्ण आधार बनेगी।
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-प्रियंका सौरभ यूसीसी देश की राजनीति के सबसे विवादित मुद्दों में रहा है। हालांकि संविधान में भी नीति निर्देशक तत्वों के रूप में इसका उल्लेख है। समानता एक सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदेशिक लोकतांत्रिक मूल्य है। इस मूल्य की प्रतिष्ठापना के लिये समान कानून की अपेक्षा है। इस लिहाज से राजनीति की सभी धाराएं इस बात […]Continue Reading
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अपने-अपने भारत रत्न
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-डॉ. सत्यवान सौरभ भारत रत्न पुरस्कार की चयन पद्धति क्या हो, निर्णय की प्रणाली क्या हो, इसमें कौन-कौन से लोग शामिल होने चाहिए? अभी इस पर बात नहीं हो रही है। अब तक जिन हस्तियों को भारत रत्न मिल चुका है। हम उनकी प्रतिष्ठा पर सवाल नहीं उठाते। लेकिन एक प्रश्न जरूर है कि माँ […]Continue Reading
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आराम खत्म, मार्च बता रहा बदन पर पड़ेंगे फफोले 
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कोलकाता टाइम्स :  क्या ग्लोबल वॉर्मिंग और अल नीनो की वजह से इस साल भी रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ेगी. बता दें कि पिछले साल भी मार्च में भीषण गर्मी पड़ने लगी थी और तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच गया था. दरअसल, पिछले साल हर महीने तापमान के नए रिकॉर्ड बने और दिसंबर तक लोग ठंड […]Continue Reading