November 24, 2024     Select Language
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साहित्य व कला

Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

भ्रष्टाचार इसलिए होता है क्योंकि हम स्वयं बेईमान है
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हम बेवकूफ इसलिए बनाए जा रहे है, क्योंकि हम बेवकूफ है। हमारे हक इसलिए छीने जाते है ,क्योंकि हम दूसरो को छीनने की कोशिश करते है। हमारे साथ भ्रष्टाचार इसलिए होता है क्योंकि हम स्वयं बेईमान है। हमे अपने अंदर सुधार की जरूरत है, लोग खुद सुधर जाएंगे। महात्मा गांधी ने कहा था- “खुद में […]Continue Reading
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अवैध अतिक्रमण पूरे देश की एक गंभीर समस्या है
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 सार्वजनिक भूमि के अतिक्रमण की रोकथाम में स्थानीय अधिकारियों और राज्य सरकारों को सक्रिय होना चाहिए।  नागरिकों को नियमों और विनियमों का पालन करना चाहिए और यदि वे कानून के शासन का उल्लंघन करते हैं, तो उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। भूमि के कानून का सम्मान करना आदर्श होना चाहिए और यदि […]Continue Reading
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जातिवाद का मटका कब फूटकर बिखरेगा?  
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इस देश में दो मराठी महापुरुष आये। दोनों ने देश पर इतना उपकार किया कि ये देश उनका उपकार नहीं भुला सकता। एक ने धर्म कि रक्षा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और उनका धर्म था इन्सानियत। दूसरे ने देश को रास्ता बताया भारतीय संविधान लिखकर। हम इन दोनों से कब सीखेंगे? 75 साल पहले हमें अंग्रेजी हुकूमत […]Continue Reading
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महोत्सव के बाद अमृत बनाये रखने की चुनौती
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रोजगार विहीन विकास किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए सुरक्षित दांव नहीं है। बेरोजगारी न केवल हमारे मानव संसाधनों के इष्टतम उपयोग की अनुमति देती है बल्कि सामाजिक कलह और विभाजनकारी राजनीति के लिए प्रजनन स्थल भी बनाती है। शिक्षा, स्किलिंग, युवा उद्यमियों और नवप्रवर्तन कर्ताओं को उपयुक्त रोजगार और सहायता, शिक्षा और रोजगार के लिए […]Continue Reading
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उड़े तिरंगा बीच नभ
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आज तिरंगा शान है, आन, बान, सम्मान। रखने ऊँचा यूँ इसे, हुए बहुत बलिदान।। नहीं तिरंगा झुक सके, नित करना संधान। इसकी रक्षा के लिए, करना है बलिदान।। देश प्रेम वो प्रेम है, खींचे अपनी ओर। उड़े तिरंगा बीच नभ, उठती खूब हिलोर।। शान तिरंगा की रहे, दिल में लो ये ठान। हर घर, हर […]Continue Reading
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क्या दल बदलुओं की खाल उधेड़नी पड़ेगी?
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-प्रियंका ‘सौरभ’   हम उनको इसलिए चुनते हैं कि हमारे नौकर बनकर कार्य करें, लेकिन वे समझ लेते हैं खुद को मालिक,यही से गड़बड़ शुरू होती है। क्या आज का वोटर यह देखता है कि कौन नेता कितना ईमानदार या बेईमान है या वह अपनी पार्टी के प्रति कितना वफ़ादार है? क्या जनता में इतना […]Continue Reading
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भाई-बहन के अटूट रिश्ते के क्या है मायने ?
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राखी के त्योहार का मतलब केवल बहन की दूसरों से रक्षा करना ही नहीं होता है बल्कि उसके अधिकारो और सपनों की रक्षा करना भी भाई का कर्तव्य होता है, लेकिन क्या सही मायनों में बहन की रक्षा हो पाती है। आज के समय में राखी के दायित्वों की रक्षा करना बेहद आवश्यक हो गया […]Continue Reading
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ताइवान पर तनाव, अमेरिका का चाव, भारत के भाव
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अमेरिका और चीन के बीच तनाव के जो मुद्दे हैं वो बने हुए हैं, चाहें वो ताइवान हों, दक्षिण चीन सागर में बढ़ता चीन का प्रभाव हो या फिर दोनों देशों के बीच चल रहा ट्रेड वॉर हो इन सभी से परे ताइवान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी साख का सवाल बनता जा […]Continue Reading
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हर दिन होगी तीज ||
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–  सत्यवान ‘सौरभ’ सावन में है तीज का, एक अलग उल्लास | प्रेम रंग में भीग कर, कहती जीवन खास | | जैसे सावन में सदा, होती खूब बहार | ऐसे ही हर घर सदा, मने तीज त्योहार | | हाथों में मेंहदी रची,  महक रहा है प्यार | चूड़ी, पायल, करधनी, गोरी के श्रृंगार […]Continue Reading
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प्रकृति संरक्षण: हमारे समाधान प्रकृति में हैं
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-सत्यवान ‘सौरभ’ विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है ताकि यह पहचाना जा सके कि एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और उत्पादक समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नींव है। प्रकृति है तो जीवन है, जीवन है तो मानव है, मानव है तो मानवता है। प्रकृति संरक्षण सबसे […]Continue Reading