November 23, 2024     Select Language
Home Archive by category साहित्य व कला (Page 15)

साहित्य व कला

Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

राष्ट्रवाद और भारत
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15 अगस्त विशेष  सलिल सरोज यूरोप में आधुनिक राष्ट्रवाद का उदय राष्ट्र-राज्यों के गठन से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब उनकी  पहचान और अपनेपन की भावना तथा लोगों की समझ कि वे कौन थे आए बदलावों को किस तरह परिभाषित करते हैं, सब शामिल है। नए प्रतीक और चिन्ह, नए गाने और विचारों ने नए सामंजस्य […]Continue Reading
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वसुधैव कुटुम्बकम
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सलिल सरोज  संपूर्ण दक्षिण-पूर्व एशिया को इसकी अधिकांश संस्कृति भारत से प्राप्त हुई है, ऐसा सिर्फ अनुमान ही नहीं बल्कि प्रामाणिक साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। 5 वीं शताब्दी  ई.पू. की शुरुआत में पश्चिमी भारत के उपनिवेशवासी सीलोन में बस गए, जो अंततः अशोक के शासनकाल में बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गया। इस समय तक कुछ […]Continue Reading
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अंतर्जातीय विवाह
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सलिल सरोज भारत कठोर जाति और धार्मिक व्यवस्था वाला एक पारंपरिक समाज बना हुआ है। जाति और धर्म लोगों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर विवाह में साथी के चयन में। अधिकांश के लिए, दूसरी जाति में विवाह के बारे में सोचना कठिन है। हालांकि, भागीदारों के चयन में एक कारक के […]Continue Reading
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जीत जाने की बस इतनी सी शर्त है
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सलिल सरोज घर तो है, पर घर इसे कहता कौन है सब मुर्दे हैं यहाँ, इसमें रहता कौन है सब काइल हैं अपनी ज़िंदगी के यहाँ किसी  के  लिए  अब  मरता कौन है माद्दा समय के साथ चलने में नहीं है देखें वक़्त के खिलाफ बहता कौन है ख़ुशी  में तो कायनात साथ रहती है […]Continue Reading
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यूँ ही कातिल के हाथ में खंज़र नहीं आता 
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सलिल सरोज इस तिश्नगी का कोई हल नज़र नहीं आता मेरा कोई रास्ता भी तो तेरे घर नहीं आता   1 जिसे छोड़ दिया, उसे बस छोड़ ही  दिया फिर से मनाने का हमें  हुनर  नहीं  आता    2 वो दरिया है तो  उसे  मौजों  का गुरूर है हम समंदर हैं , हमें  भी  सबर […]Continue Reading
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महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव
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सलिल सरोज पूरी दुनिया में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है। महिलाओं को हत्या, घरेलू हिंसा और दहेज से संबंधित अपराध, एसिड अटैक, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न सहित विभिन्न प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ता है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा में मनोवैज्ञानिक हिंसा भी शामिल है। […]Continue Reading
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कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियाँ
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सलिल सरोज  कोविड-19 महामारी ने हर देश के नेतृत्व के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इससे न केवल मानव जीवन का नुकसान हुआ है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों और अर्थव्यवस्थाओं को भी नुकसान हुआ है। मध्यम विकास दर, नाजुक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और प्रचलित गरीबी के कारण भारत जैसे उभरते/विकासशील देशों में इस महामारी […]Continue Reading
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हिंदी कविता में आम आदमी
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सलिल सरोज हिंदी कविता ने बहुधर्मिता की विसात पर हमेशा ही अपनी ज़मीन इख्तियार की है। इस बात की पुष्टि हर युग के कवियों द्वारा की गई कृत्यों से प्रतीत होती रही है। हिंदी कविता ने रामधारी सिंह दिनकर की क्षमता का उपयोग कर के राष्ट्र आह्वान का मार्ग प्रशस्त किया और साथ ही साथ […]Continue Reading
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बैठे अपने दूर !!
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कोरोना से सीख ले, जीवन के प्रसंग ! पतझड़ भी आते यहाँ, है सावन के संग !! ★★★ जब नदियाँ उफान ले, करती पार निशान ! नाव डूब तल में लगे, छूटे हाथ सामान !! ★★★ शहरों की दौड़े रुकी, गाँवों बसा तनाव ! शांत-शांत सागर दिखे, मगर चली न नाव !! ★★★ खो बैठे […]Continue Reading
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महामारी में कहाँ दुबक गए एनसीसी, एनएसएस और सारे एनजीओ?
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प्रियंका सौरभ कोरोनावायरस महामारी के दौरान केन्द्र, राज्य सरकारें तथा प्रशासन अपने स्तर पर मुस्तैदी से काम कर रहा है। सरकार के इन प्रयासों के साथ-साथ देश भर की कई धर्मार्थ संस्थाएं और गैर सरकारी संगठन सफल बनाने में जुटे हैं ताकि देश में इस महामारी से ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचायी जा […]Continue Reading