November 23, 2024     Select Language
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साहित्य व कला

KT Popular साहित्य व कला

कोरोना खूंखार !
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लग जाये जाने कहाँ, कोरोना खूंखार ! रखिए कदम सँभालकर, और’ रहे हुशियार !! दरवाजे दुश्मन खड़ा, करने को अब वार! जल्दी में मत कीजिये, लक्ष्मण रेखा पार !! कुदरत की इस चोट से, सहम गया सन्सार ! मंदिर-मस्जिद बंद है, देव सभी लाचार !! रुका रहे आवागमन, घर में हो परिवार ! पूर्ण बंद […]Continue Reading
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गैर-वेतनभोगी गृहिणियों के साथ न्याय – एक दिवास्वप्न सपना
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सलिल सरोज अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, ताइवान में, 168 मिनट प्रति दिन से लेकर अधिकतम इराक़ में 345  मिनट तक – दुनिया भर में महिलाएं अवैतनिक कार्यों में समय बिताती हैं। औसतन, पुरुषों ने 83 मिनट अवैतनिक देखभाल के काम में बिताए, जबकि महिलाओं ने 265 मिनट, तीन गुना अधिक समय इन कार्यों पर […]Continue Reading
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सोच बदलकर ही मासिक धर्म की गरिमा बढ़ सकती है।
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प्रियंका सौरभ (मासिक धर्म के कलंक को तोड़ने और मासिक धर्म अपशिष्ट कार्यशालाओं और शौचालय डिजाइनों को बढ़ावा देने जैसी पहल के साथ शिक्षा और व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से राष्ट्रीय नीति को बदलने की आवश्यकता है।) महिलाओं के लिए मासिक धर्म एक प्राकृतिक और स्वस्थ जैविक प्रक्रिया है, इसके बावजूद, यह अभी भी भारतीय […]Continue Reading
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राष्ट्र और राष्ट्रवाद
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सलिल सरोज  सैद्धांतिक रूप से, एक राष्ट्र उन लोगों का एक समूह है जो एक सामान्य भाषा, धर्म, संस्कृति, इतिहास और क्षेत्र साझा करते हैं। जो लोग इस तरह की समानताओं को साझा नहीं करते हैं, उन्हें अक्सर “अन्य” माना जाता है। कई आख्यानों में, “दूसरों” को दुश्मनों के रूप में करार दिया जाता है, […]Continue Reading
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भीख माँगना- कितनी बड़ी समस्या
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सलिल सरोज गरीबी और बेरोजगारी की समस्याओं के साथ संबद्ध भिखारी की समस्या है जो विकासशील देशों में महान परिमाण और गंभीर चिंता की सामाजिक समस्या है। भीख माँगना समाज के लिए एक समस्या है, क्योंकि बड़ी संख्या में भिखारियों का मतलब है उपलब्ध मानव संसाधनों का गैर उपयोग और समाज के मौजूदा संसाधनों पर […]Continue Reading
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अहंकार में कोई सार नहीं
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सलिल सरोज अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आप अक्सर देखते होंगे कि जहां कुछ लोग सफल व् शक्तिशाली होने के वावजूद बेहद विनम्र होते हैं, वही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी शक्ति या योग्यता के घमंड में चूर दिखते हैं। थोड़ी बहुत मात्रा में अपनी सफलताओं या योग्यताओं के प्रति गर्व का […]Continue Reading
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निष्क्रिय प्रतिरोध
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सलिल सरोज कवि तुलसीदास ने कहा है: “ दया या प्रेम, धर्म का जड़ है, जिस प्रकार से अहंकार, मानव शरीर का। इसलिए, हमें तब तक दया नहीं छोड़नी चाहिए जब तक हम जीवित हैं। ” प्रेम का बल आत्मा या सत्य के बल के समान है। हमारे पास हर कदम पर इसके काम करने […]Continue Reading
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शहर में लोग अकसर परेशान रहते हैं
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सलिल सरोज कहीं  मुर्दे  तो  कहीं श्मशान  रहते  हैं शहर में लोग अकसर परेशान रहते हैं दुनिया क्या कुछ कह कर नहीं बुलाती जो लोग  जिन्दगी भर नादान  रहते हैं नौकरी मोहलत नहीं देती है बसर  की घरों में तो बस  बेजान सामान रहते हैं सरकार  के मुआवज़े  से क्या होता है तूफाँ की जद […]Continue Reading
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600 साल से अनसुलझी पहेली है यह किताब, आज तक नहीं पढ़ पाया कोई  
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कोलकाता टाइम्स :  आज भी दुनिया में ऐसे कई रहस्य मौजूद हैं, जिन्हें सुलझाना लगभग नामुमकिन रहा है और एक ऐसा ही रहस्य है 240 पन्नों की एक किताब का, जिसके बारे में यह कहते हैं कि इसे आज तक कोई भी पढ़ नहीं सका है। इतिहासकारों की माने तो, यह रहस्यमयी किताब 600 साल […]Continue Reading
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इस कैट-ए-लिसा को देख भूल जायेंगे मोनालिसा को 
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कोलकाता टाइम्स :  मशहूर चित्रकार सूसन हरबर्ट एक बहुत ही आधुनिक कैट आर्टिस्ट हैं, जिन्होने कैट से संबन्धित बहुत सारे आर्ट-वर्क प्रस्तुत किए हैं। कैट्स गलोर – जिसमें हरबर्ट द्वारा बिल्लियों का बहुत ही खूबसूरत ढंग से चित्रण किया गया है। जिसमें उन्होने बिल्लियों को कभी थिएटर में तो कभी किसी फिल्म के हिस्से के […]Continue Reading