”समय और जीवन”
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पारस के जज्वात चलना गति है और चलते रहना गतिमान। समय गति भी है और गतिमान ! समय काल भी है और कालचक्र !! समय ना दिन और ना ही रात है। ना सुख है ना ही रात है। ना ही पाप है ना ही पुण्य है। ना बंधन है ना ही मुक्त ! समय कल भी था और आज भी है और कल भी रहेगा। Continue Reading