November 23, 2024     Select Language
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साहित्य व कला

Editor Choice Hindi KT Popular साहित्य व कला

”समय और जीवन”
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पारस के जज्वात  चलना गति है और चलते रहना गतिमान। समय गति भी है और गतिमान ! समय काल भी है और कालचक्र !! समय ना दिन और ना ही रात है। ना सुख है ना ही रात है। ना ही पाप है ना ही पुण्य है। ना बंधन है ना ही मुक्त ! समय कल भी था और आज भी है और कल भी रहेगा। Continue Reading
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“What is Brotherhood”
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Parasmal Bachhawat Mani festation of Brotherhood help us to grow higher and higher and beyond leads our life in the form of peace and tranguibility. Brotherhood is such an act of emotional feeling fild with love, attachment, kindness, compassion and lifts our actions beyond any violence act.  Such feelings can only came through when learn […]Continue Reading
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पारस के जज्बात
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”आत्मज्ञान कैसे फलित होता है” जहाँ मन की अक्रिया की अवस्था होती, आत्मज्ञान वहीं फलित होता है। इस अवस्था में भावना और बुद्धि सामान्य हो जाती और शुद्धता रह जाती है। भावना अंतर चेतन की आवाज है और बुद्धि मन की आवाज है। जहाँ देखना और सुनना होता, सुंदरता का अनुभव होता है। जहाँ भावना […]Continue Reading
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पारसमल बच्छावत
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ज्ञान, महा-ज्ञान देने वाले बहुत मिल जाते हैं, परंतु जीवन की छोटी-छोटी उलझने-सुलझानेवाले जो है वो ही जीवन के हितकारी होते हैं। पानी की बूंद को नहीं जानेंगे तो सागर का अस्तित्व कैसे जानेंगे? छोटी-छोटी बातें नहीं समझेंगे तो बड़ी-बड़ी बातें नहीं समझ पाएंगे। जो जीवन में छोटे-छोटे, अणुव्रत के व्रतों को आचरण में नहीं […]Continue Reading