November 22, 2024     Select Language
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साहित्य व कला

Editor Choice Hindi KT Popular दैनिक साहित्य व कला

महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा के लिए ख़तरा बनी साइबर की दुनिया
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-प्रियंका सौरभ इंटनेट इस्तेमाल करने वाली स्त्रियों की बढ़ती तादाद एक सकारात्मक बदलाव है। लेकिन, इसने और अधिक संख्या में महिलाओं को वर्चुअल दुनिया में ख़तरों के जोखिम में डाल दिया है। हाँ, ऐसा लग रहा है कि महिलाओं के प्रति ऑनलाइन अपराध की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इनमें यौन उत्पीड़न, धमकाने, डराने Continue Reading
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ट्रम्प की जीत के भारत के लिए मायने। 
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-डॉ. सत्यवान सौरभ अमेरिका एक तरह से भारत की तरह है, जो इस सदी की शुरुआत में नई दिशा की तलाश में था; चीजों को हिलाने और एक नया रास्ता बनाने के लिए दो आम चुनाव, एक नीरस दशक और नरेंद्र मोदी के उग्र आगमन की ज़रूरत पड़ी। व्यवसायी ट्रम्प के लिए, खातों को संतुलित […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular साहित्य व कला स्वास्थ्य

एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा
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डॉ. सत्यवान सौरभ एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहता है कि आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं है, तो कभी भी एंटीबायोटिक्स की मांग न करें। एंटीबायोटिक्स का उपयोग […]Continue Reading
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हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए।
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प्रियंका सौरभ धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर, हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए।  महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान करती हैं। अक्सर, मामले या तो दर्ज नहीं किए जाते […]Continue Reading
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*जलते हैं केवल पुतले, रावण बढ़ते जा रहे?*
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-प्रियंका सौरभ दशहरे पर रावण का दहन एक ट्रेंड बन गया है। लोग इससे सबक नहीं लेते। रावण दहन की संख्या बढ़ाने से किसी तरह का फायदा नहीं होगा। लोग इसे मनोरंजन के साधन के तौर पर लेने लगे हैं। हमें अपने धार्मिक पुराणों से प्रेरणा लेनी चाहिए। रावण दहन के साथ दुर्गुणों को त्यागना […]Continue Reading
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बांग्लादेश: भारत के लिए रणनीतिक चुनौती
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-डॉ. सत्यवान सौरभ शेख हसीना भारत समर्थक हैं , इसलिए उनकी अनुपस्थिति बांग्लादेश में चीनी बढ़त को आमंत्रित कर सकती है , जो भारत के प्रभाव को चुनौती दे सकती है। बांग्लादेश में बेल्ट एंड रोड पहल के तहत चीन की हालिया पहल को और गति मिल सकती है, जिससे भारत की रणनीतिक बढ़त कम […]Continue Reading
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तार्किक पाठ्यक्रम समय की मांग।
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प्रियंका सौरभ कुल मिलाकर पाठ्यपुस्तकों से हटाई जाने वाली सामग्री, भारत के भूतकाल और वर्तमान की नकारात्मक धारणा पर आधारित है। यह मानसिकता कमजोर है, और केवल कुछ को हटाकर अपने इतिहास को बदलने का प्रयास करती है। इनके लिए भारतीय इतिहास के रचनात्मक, समावेशी, तार्किक, सुसंगत और विद्यार्थी अनुकूल संस्करण को लाना असंभव था, […]Continue Reading
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मिट्टी में मिलते जा रहे, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के अरमान  
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-प्रियंका सौरभ   मिट्टी के बर्तन बनाने के अलावा इनके पास और कोई दूसरा रोजगार नहीं है, न ही कृषि करने के लिए इनके पास भूमि है। और न अन्य साधन, जिससे आय का आवक हो पाए। यह जैसे-तैसे करके अपने परिवार को पाल रहे हैं। मौजूदा दौर में एल्युमीनियम, थर्माकोल व प्लास्टिक बर्तनों का खूब […]Continue Reading
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भीषण गर्मी से खुला काम करने वाले मजदूरों को सबसे ज्यादा नुकसान क्यों ?
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प्रियंका सौरभ भारत में हाल ही में आई भीषण गर्मी से डेली वर्कर्स, विशेषकर डिलीवरी कर्मियों, ईंट-भट्ठों पर काम करने वालों और दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए कामकाजी परिस्थितियां गंभीर हो गई हैं। भीषण गर्मी ने खुला काम करने वाले  वर्कर्स के लिए कठोर कार्य स्थितियों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है। […]Continue Reading
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वोटर लिस्ट में बढ़ती महिलाएं संसद में कब बढ़ेगी?
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प्रियंका सौरभ महिलाओं का वोट 48%, फिर सीटें 14% ही क्‍यों? भारत की महिला मतदाता; एक ताकत है जिसे गिना जाना चाहिए।  राजनीतिक दल कल्याणकारी योजनाओं और रियायतों के वादों के साथ महिलाओं के वोट हासिल करने की होड़ में हैं, लेकिन सच्चा सशक्तिकरण अभी भी मायावी है। जब तक राजनीतिक पार्टियां अधिक से अधिक महिलाओं को टिकट नहीं […]Continue Reading