बरसों हो गए फिर भी ये रो रहे हैं
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या तो सरकारी योजनाओं की खबर नहीं इन्हें या योजनाओं का लाभ मौकापरस्त ही उठा रहे हैं। सरकारी न्यूनतम मजदूरी कितने मजदूरों को मिल रही है? यह विचारणीय है।बरसों हो गए फिर भी श्रमिक या मजदूर अभी भी रो रहे हैं। मजदूरों या श्रमिकों के हित के लिए श्रम विभाग या श्रम मंत्रालय मौके-मौके पर कभी-कभी […]Continue Reading