इस गांव में डिबरी बुझाने में लग गए 71 साल
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कोलकाता टाइम्स 71 साल बाद ही सही उजाले का मुँह तो देखा। यहां तो शाम होते ही अँधेरा मानों तांडव शुरू कर देता था। आजादी के बाद से इस गांव में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के परिवार डिबरी की रोशनी में जीवन काट रहे थे। अब डिबरी की जगह बिजली बल्ब जलेगा हर घर में। […]Continue Reading