सिर्फ तीन बार ही लपेटे, मंगल और शनिवार को जरूर बदलिए कलावा, क्योंकि …
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कोलकाता टाइम्स : कलावा बांधना वैदिक परंपरा का एक अहम हिस्सा है। यह कलाई में बांधा जाता हैं। धार्मिक अस्था का प्रतीक कलावा यज्ञ की शुरुआत में बांधा जाता है। इसके अलावा मांगलिक कार्यक्रमों में भी इसे बांधना अनिवार्य माना जाता है। रक्षा कवच है कलावा: हिंदू शास्त्रों के मुताबिक कलावा बांधने से Continue Reading