पिछले जन्मों के यह कर्म बनते हैं इस जन्म में रोग
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कोलकाता टाइम्स : रोग शरीर में हों या मन में इनके बीज अचेतन मन की परतों में छुपे होते हैं। आयुर्वेद को व्यवस्थित रूप देने वाले महर्षि चरक के अनुसार पिछले जन्मों के पाप इस जन्म में रोग बन कर सताते हैं। आयुर्वेद की इस मान्यता को को विज्ञान अभी तक यूं ही मानता था। […]Continue Reading