खुला पोल : शोध नहीं इसे कहते है फ़ज़ीहत
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कोलकाता टाइम्स किसी भी रिसर्च स्कॉलर या प्रोफेसर के लिए देशी-विदेशी जर्नलों में अपने लेख को छपवाना लगभग अनिवार्य होता है। इसी का फायदा उठा कर भारत समेत अन्य देशों में ऐसी फर्जी कंपनियों का गिरोह सक्रिय है जो पैसे लेकर लेख के नाम पर कुछ भी छाप देती हैं। भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस, जर्मन Continue Reading