कहीं आपको दूसरों में यह देखने की बीमारी तो नहीं?
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कोलकाता टाइम्स : शक की बीमारी यानी “पैरानोया” अविश्वास की चरम स्थिति है। सामान्य स्थिति “पैरानोया” नहीं होती। “पैरानोया” आंशिक भी होती है, जिसमें व्यक्ति समाज में अच्छी तरह रहता है, लेकिन जब प्रभाव पूर्णकालिक हो तो व्यक्ति कभी-कभी आत्महत्या का प्रयास करने लगता है। लेकिन सही मार्गदर्शन से Continue Reading