February 22, 2025     Select Language
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Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

रखना सदा सहेजकर, दिल में हिंदुस्तान।।
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-डॉ सत्यवान ‘सौरभ’, फिल्म-खेल का ही चढ़ा, है सब पे उन्माद। फौजी मरता देश पर,कौन करे अब याद।। ●●● आज़ादी अब रो रही, देश हुआ बेचैन। देख शहीदों के भरे, दुःख से यारों नैन।। ●●● मैंने उनको भेंट की, दिवाली और ईद। सीमा पर मर मिट गए, जितने वीर शहीद।। ●●● काम करो इंग्लैंड में, […]Continue Reading
KT Popular धर्म साहित्य व कला

पंछी डूबे दर्द में
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-सत्यवान ‘सौरभ’ बदल रहे हर रोज ही, हैं मौसम के रूप । सर्दी के मौसम हुई, गर्मी जैसी धूप ।। ●●● सूनी बगिया देखकर, ‘तितली है खामोश’ । जुगनूं की बारात से, गायब है अब जोश ।। ●●● आती है अब है कहाँ, कोयल की आवाज़ । बूढा पीपल सूखकर, ठूंठ खड़ा है आज ।। […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

माँ किस के भाग है
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सलिल सरोज    आप ही सिपहसालार और आप ही सिहाग* हैं फिर कौन है दूसरा , जिस ने लगाई ये आग है    1 हमें  समझाने  आते  हैं  सब लोग  बारी- बारी जो देखते नहीं, अपने गिरेबाँ में कितने दाग हैं    2 चाँदनी  उतरा  करती  थी जहाँ  पूरे शबाब पे वो  नदियाँ  अब उल्टियाँ […]Continue Reading
KT Popular दैनिक धर्म साहित्य व कला

हे भारत की कोकिला….
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  सूने-सूने गीत अब, सूने-सूने साज ! संग लता के खो गयी, भारत की आवाज़ !! ●●● आँखों में पानी भरा, पूरा देश उदास ! गयी हमें तुम छोड़कर, गए नहीं अहसास !! ●●● स्वर आपकी शान थे, स्वर आपकी आन ! स्वर आपने जो चुने, स्वर बने पहचान !! ●●● गूँज रही है आपकी, […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

दो-दो हिन्दुस्तान
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लाज तिरंगें की रहे, बस इतना अरमान । मरते दम तक मैं रखूँ, दिल में हिन्दुस्तान ।। ●●● बच पाए कैसे भला, अपना हिन्दुस्तान । बेच रहे हैं खेत को, आये रोज किसान ।। ●●● आधा भूखा है मरे, आधा ले पकवान । एक देश में देखिये, दो-दो हिन्दुस्तान ।। ●●● सरहद पर जांबाज़ जब, […]Continue Reading
KT Popular धर्म साहित्य व कला

चंदन भी अकुला गया, देख जड़ों में नाग !!
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आँखों का पानी मरा, भरा मनों में पाप ! प्रेम भाव गायब हुए, अपनापा अभिशाप !! ★★★★ दरपन रूठे से लगे, सूने हैं घर द्वार ! तकरारें दीवार से, आँगन पड़ी दरार !! ★★★★ हुआ विरोधी आचरण, लज्जा कोसों दूर ! हुई कामना निरंकुश, ईर्ष्या है भरपूर !! ★★★★ पैसों से रिश्तों जुड़े, देंगे क्या […]Continue Reading
KT Popular धर्म साहित्य व कला

देख दुखी हैं कृष्णा
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भक्ति कृष्ण की है यही, और यही है धर्म ! स्थान,जरूरत, काल के, करो अनुरूप कर्म !! ●●●●● सब पाखंडी हो गए, जनता, राजा, संत ! देख दुखी हैं कृष्णा, धर्म-कर्म का अंत !! ●●●●● जो देखो वो दे रहा, सौरभ अब उपदेश ! मिटे किसी के है नहीं, मन के पाप क्लेश !! ●●●●● […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

बचपन के वो गीत !
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स्याही-कलम-दवात से, सजने थे जो हाथ ! कूड़ा-करकट बीनते, नाप रहें फुटपाथ !! बैठे-बैठे जब कभी, आता बचपन याद ! मन चंचल करने लगे, परियों से संवाद !! मुझको भाते आज भी, बचपन के वो गीत ! लोरी गाती मात की, अजब-निराली प्रीत !! मूक हुई किलकारियां, चुप बच्चों की रेल ! गूगल में अब […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

अंधियारे उर में भरे, मन में हुए कलेश !
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अंधियारे उर में भरे, मन में हुए कलेश ! अंधियारे उर में भरे, मन में हुए कलेश !! ●●● मन को करें प्रकाशमय, भर दें ऐसा प्यार ! हर पल, हर दिन ही रहे, दीपों का त्यौहार !! ●●● दीपों की कतार से, सीख बात ले नेक ! अँधियारा तब हारता, होते दीपक एक !! […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म साहित्य व कला

जीत जाने की बस इतनी सी शर्त है
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सलिल सरोज घर तो है, पर घर इसे कहता कौन है सब मुर्दे हैं यहाँ, इसमें रहता कौन है सब काइल हैं अपनी ज़िंदगी के यहाँ किसी  के  लिए  अब  मरता कौन है माद्दा समय के साथ चलने में नहीं है देखें वक़्त के खिलाफ बहता कौन है ख़ुशी  में तो कायनात साथ रहती है […]Continue Reading