February 22, 2025     Select Language
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KT Popular धर्म साहित्य व कला

यूँ ही कातिल के हाथ में खंज़र नहीं आता 
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सलिल सरोज इस तिश्नगी का कोई हल नज़र नहीं आता मेरा कोई रास्ता भी तो तेरे घर नहीं आता   1 जिसे छोड़ दिया, उसे बस छोड़ ही  दिया फिर से मनाने का हमें  हुनर  नहीं  आता    2 वो दरिया है तो  उसे  मौजों  का गुरूर है हम समंदर हैं , हमें  भी  सबर […]Continue Reading
Editor Choice Hindi KT Popular साहित्य व कला

शहर में लोग अकसर परेशान रहते हैं
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सलिल सरोज कहीं  मुर्दे  तो  कहीं श्मशान  रहते  हैं शहर में लोग अकसर परेशान रहते हैं दुनिया क्या कुछ कह कर नहीं बुलाती जो लोग  जिन्दगी भर नादान  रहते हैं नौकरी मोहलत नहीं देती है बसर  की घरों में तो बस  बेजान सामान रहते हैं सरकार  के मुआवज़े  से क्या होता है तूफाँ की जद […]Continue Reading