दुल्हा चाहिए ? चले जाइये इस गांव, जहाँ लगता है दूल्हों का मेला
[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स : कहते हैं कि कि राजा हरिसंह देव ने लगभग 700 साल पहले 1310 ईसवी में सौराठ सभा की प्रथा शुरू की थी। विवाह योग्य बच्चों के माता पिता को परेशानी से बचाने के लिए इसका आयोजन करने की योजना बनी थी। पहले इस मेले का आयोजन सौराठ के साथ सीतामढ़ी के ससौला, […]Continue Reading