May 20, 2024     Select Language
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अब भारी पड़ेगा माता-पिता की देखभाल ना करना 

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नई दिल्ली: मध्‍य प्रदेश में सरकारी नौकरी करनेवालो के लिए भारी पड़ेगा माता-पिता की नहीं की देखभाल करना। इसके सजा के एवज  में सर्कार आपका बेतन काट लेगी। सामाजिक न्याय विभाग ने माता-पिता भरण पोषण अधिनियम के नियमों में बदलाव कर दिया है। मध्य प्रदेश सरकार को बहुत शिकायतें इस बात की मिली थी कि बेटे लोग अपने माता-पिता के भरण पोषण के लिए पैसे नहीं देते, कोई घर से बाहर निकाल देता है। अब ऐसे अनेक मामले देखे जा रहे हैं जहां बुजुर्गो को बोझ माना जाने लगा है और उनकी अनदेखी और कहीं कहीं तो तिरस्कार तक किया जाने लगा है। कुछ सीधे सीधे ऐसा करते हैं तो कुछ परोक्ष तौर पर उनकी अनदेखी करते हैं। ऐसी भी संतानें मिल जायेंगी जो माता पिता के वृद्ध होते ही उन्हें या तो सड़कों पर छोड़ देते हैं या फिर उन्हें वृद्धाश्रम में अकेले रहने को मजबूर कर देते हैं। मिली शिकायत के आधार पर सरकार ने एक कानून बनाया है कि अगर कोई भी शिकायत भरण-पोषण से जुड़ी होती है तो बेटे के वेतन से एक निश्चित राशि काटकर सीधे माता-पिता के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी। जिससे माता-पिता अपना ख्याल रख सकते है। ये धनराशि 10 हजार से अधिक नहीं होगी. इस कानून की सबसे खास बात यह है कि इस दायरे में केंद्र सरकार के वे सभी अधिकारी आएंगे जो राज्य सरकार से वेतन ले रहें हैं। 

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सामाजिक न्याय विभाग ने माता-पिता भरण पोषण अधिनियम के नियमों में बदलाव कर दिया है।  विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह ने बताया कि इस नियम के दायरे में राज्य सरकार के नियमित व संविदा कर्मचारियों के अलावा निगम, मंडल, अ‌र्द्ध शासकीय निकाय, पंचायतीराज संस्था, स्थानीय निकाय और सरकार की अंशपूंजी वाली संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी आएंगे। इसके साथ ही ऐसे केंद्रीय कर्मचारी को भी नियम की जद में रखा गया है, जिन्हें राज्य शासन वेतन देता है। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हर जिले में एसडीएम ऐसे मामलों की सुनवाई करेंगे। इसके लिए एसडीएम को ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष घोषित किया गया है। शिकायत मिलने पर वे जांच कर कर्मचारी के वेतन से राशि काटकर माता-पिता के खाते में जमा करा दी जाएगी। यह राशि दस हजार रुपए से ज्यादा नहीं होगी।वे अभिभावक और वरिष्ठ नागरिक जो कि अपने आय अथवा अपनी संपत्ति के द्वारा होने वाली आय से अपना भरण पोषण करने में असमर्थ है, वे अपने व्यस्क बच्चों अथवा संबंधितों से भरण पोषण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते है।
अभिभावक में सगे और दत्तक माता पिता और सोतेले माता और पिता सम्मिलित है।
प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का है, वह अपने संबधितों से भी भरणपोषण की मांग कर सकता है, जिनका उनकी संपत्ति पर स्वामित्व है अथवा जो कि उनकी संपत्ति के उत्तराधिकारी हो सकते है। 

 

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