वित्त मंत्री दिला सकते है लोगों को रहत, जानिए कैसे ?
[kodex_post_like_buttons]
नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल के दामों में मंगलवार को तेजी देखने को मिली। भाजपा सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद दोनों पेट्रोलियम उत्पापदों का यह उच्चतम स्तर है। अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में दाम में तेजी को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय हरकत में आ गया है। मंत्रालय ने अपनी ओर से पहल करते हुए वित्त मंत्रालय के मुखिया अरुण जेटली से 2018-19 के केंद्रीय बजट में उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है। अगर वित्त मंत्री ने पेट्रोलियम मंत्रालय के सुझाव पर ध्यान दिया तो लोगों को राहत मिलना तय है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की ईंधन कीमत सूची के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल का भाव बढ़कर 72.38 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया। मार्च 2014 के बाद यह इसका सबसे ऊंचा स्तर है। दिसंबर मध्य से कीमत में 3.31 रुपये लीटर की वृद्धि हुई है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 80 रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। जबकि मुंबई में डीजल का भाव 67.30 रुपये लीटर पर पहुंच गया है। इसका कारण स्थानीय बिक्री कर (वैट) का अधिक होना है. तेल कंपनियों के अनुसार दिसंबर- मध्य से डीजल में 4.86 रुपये लीटर की वृद्धि हुई है।
केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लेती है। जबकि दिल्ली में पेट्रोल पर वैट (मूल्य वर्द्वित कर) 15.39 रुपये और डीजल पर 9.32 रुपये है।