‘सभी झूठे केस इसलिए सरकार ने लिया वापस!’
न्यूज डेस्क
जाट आरक्षण आंदोलन रंग लाती दिख रही है। हरियाणा सरकार ने इस आंदोलन के दौरान 822 लोगों पर दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) वापस लेने का फैसला किया है। यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एसएस प्रसाद ने शुक्रवार (9 फरवरी) को दी। जाट आरक्षण आंदोलन में 822 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे, जोकि इस मामले में दर्ज 70 एफआईआर में आरोपी थे।
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आंदोलनकारियों की मांगों में जाटों के लिए आरक्षण, पिछले वर्ष जाट आंदोलन में हुई हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के रिश्तेदारों को नौकरी, उनके खिलाफ दायर मामले वापस लेने और जाटों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधित मांगें शामिल हैं। बता दें कि, 2016 में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे। फरवरी 2016 में हुई हिंसा के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी और निजी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी।