आसाराम सजा : बाकी बची उम्र भी सलाखों के पीछे, 400 आश्रम, 2300 करोड़ के वारिस कौन !
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जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर बनी विशेष कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने अपना अहम फैसला सुनाया। इससे पहले अदालत ने आसाराम समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया, आसाराम के अलावा अदालत ने शिल्पी और शरदचंद्र को दोषी करार दिया, जबकि शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया। आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में पिछले चार साल से बंद हैं।
आसाराम की सजा के ऐलान के बाद उनकी प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा, ‘मीडिया ट्रायल के बाद उन्होंने (आसाराम ने) इतने झटके खा लिए है कि अब झटके भी उनसे झटकने लगे हैं।’
घटना साल 2013 के अगस्त की है जब 16 साल की एक लड़की ने आसाराम पर ये आरोप लगाते हुए पूरे देश को चौंका दिया था कि आश्राम में उसके साथ यौन शोषण किया गया। जिसके ठीक दो दिन बाद पीड़िता के पिता ने इस मामले में थाने में रेप का मामला दर्ज करवाया।
जब पुलिस द्वारा पीड़िता के मेडिकल टेस्ट में रेप की पुष्टि हो गई। बाद में इस केस को राजस्थान पुलिस के पास ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस ने लोगों के बाबा को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन बावजूद उसके आसाराम हाजिर नहीं हुआ, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 342, 376 और 506 के तहत केस दर्ज मामले को आगे बढ़ा दिया।
बता दें कि बाबा के रूप में अपराधी आसाराम इंदौर में प्रवचन दे रहा था कि तभी पुलिस अपनी पूरी फोर्स के साथ वहां पहुंच गई। आसाराम को गिरफ्तार जेल तक लेकर जाने में पुलिस को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, यहां तक कि आसाराम के समर्थकों ने पुलिस से मारपीट भी की। लेकिन भारी हंगामे भारी हाई वोलटेज ड्रामे के बाद आखिरकार पुलिस 1 सितंबर 2013 को आसाराम को जोधपुर जेल में शिफ्ट करने में सफल रही।