न्यूज डेस्क
परमाणु हथियारों को लेकर उत्तर कोरिया शासक किम जोन ने जो फैसला लिया था उसकी असलियत जग जाहिर हो गया। इसका भंडाफोड़ करते चीन के भू-गर्भ विशेषज्ञों ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया की भूमिगत परमाणु परीक्षण साइट ढह गई है और अब उनके पास परीक्षण के लिए कोई स्थान नहीं बचा है।
शनिवार को परमाणु मिसाइल टैस्ट कार्यक्रम रोकने के ऐलान से दूसरे देशों को लगा था जैसे अमरीका व उत्तर कोरिया के बीच चरम पर पहुंच चुका तनाव कुछ कम होता दिखने लगा । पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा होने लगी थी कि किम ने ये कदम अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से उठाया । लेकिन अब उसके पीछे की असल वजह भी सामने आ गई है।
किम ने कार्यक्रम रोकने का ऐलान करते हुए ट्रंप से होने वाली मुलाकात को इसकी वजह बनाया था। एक अंग्रजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक चीन के शोधकर्ताओं ने यह पता किया कि सितंबर में हुए छठे परीक्षण के दौरान परमाणु साइट का हिस्सा ढह गया।
लेकिन चीन ने बताया है, परीक्षण के दौरान हुए धमाके को जापान ने करीब 120 किलोटन का मापा था, जो कि अमरीका की ओर से हिरोशिमा शहर पर गिराए गए बम से भी आठ गुना ज्यादा था। सैटलाइट तस्वीरों से भी यह नजर आ रहा है कि छठे परीक्षण से पहले और उसके बाद इलाके की भौगोलिक स्थिति में बदलाव हुआ है।
उत्तर कोरिया आए दिन परमाणु हथियारों का परीक्षण कर दुनिया को चौकाता रहा है। अमरीका समेत कई बड़े मुल्क उसे कार्यक्रम रोकने की अपील भी कर चुके हैं। यहां तक कि आस्ट्रलिया, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया और अन्य समूह भी किम के इस रवैये पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं।