महाबोधि मंदिर में सीरियल धमाके के सभी दोषी अब ताउम्र बिताएंगे जेल में
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न्यूज डेस्क
बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट की विशेष अदालत में शुक्रवार को सजा की पहलुओं पर सुनवाई करते हुए सभी दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले, गुरुवार को एनआईए के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए दोषियों को फांसी की सजा की मांग की थी।
इस मामले में पांच आतंकियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। एनआईए कोर्ट की विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा ने 25 मई को आंतकी मानते हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, अजहरुउद्दीन ,उमर सिद्दकी, इम्तियाज अंसारी और मुजीबुल्लाह को दोषी करार दिया था। 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में छह आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
बता दे, बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में 25 मई को 4 साल बाद एनआईए कोर्ट का फैसला आया था। 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में पांच आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने फैसला सुनाया। इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे. पटना सिविल कोर्ट में 2013 में गठित एनआईए कोर्ट का यह पहला फैसला है।
बोधगया ब्लास्ट में एनआईए ने 90 गवाहों को पेश किया। सीरियल ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फब्लैक ब्यूटी था. आरोपितों मे इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, मुजिबुल्लाह अंसारी हैं। ये सभी पटना के बेउर जेल में बंद है।
एनआईए ने जांच मे यह भी माना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई का बदला लेने के लिए गया मे ब्लास्ट किया गया था। हैदर ने ब्लास्ट के पहले बोधगया का पांच बार दौरा किया। वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था और उसके साथ ही आतंकी संगठन सिमी के सदस्य थे. हैदर ने बौद्ध भिक्षु बनकर मंदिर में प्रवेश किया।