June 16, 2024     Select Language
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अगर जानना हो कितना आगे था भारत तो जरूर बनाये यहां घूमने का प्लान

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मध्यप्रदेश स्थित प्राचीन शहर  उज्जैन सिर्फ अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी इसे सबसे अलग और खास बनाने का काम करते हैं। इस स्थल का अपना एक अलग गौरवशाली अतीत रहा है।कभी उज्जैन सोलह महाजनपदों में से एक प्राचीन अवंती साम्राज्य की राजधानी था। अंग्रेजों द्वारा इंदौर को विकसित करने से पहले उज्जैन 19वीं शताब्दी की शुरुआत तक मध्य भारत का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक केंद्र बना रहा। इंदौर को इसके विकल्प के तौर पर विकसित किया गया था। इसके अलावा यह प्राचीन समय में अध्ययन का भी एक बड़ा केंद्र था। 

यहां लगने वाला महाकुंभ पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करता है। लाखों की तादाद में श्रद्धालु यहां पवित्र गंगा नदी मे डुबकी लगाने के लिए आते हैं। जानिए पर्यटन के लिहाज से उज्जैन आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां के चुनिंदा सबसे खास स्थलों के बारे में।  श्री महाकालेश्वर मंदिर PC- Gyanendra_Singh उज्जैन भ्रमण की शुरूआत आप प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। श्री महाकलेश्वर मंदिर का शिवलिंग देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। माना जाता है कि यह ज्योतिर्लिंग स्वयंभू हैं यानी स्वयं प्रकट हुए हैं। लेकिन इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलता है कि यह कब अस्तित्व में आया। यह एक रहस्य है कि किस समय यह ज्योतिर्लिंग इस मंदिर स्थल में प्रकट हुआ। फिर भी जानकार इसका संबंध प्रागैतिहासिक काल से बताते हैं। यह मंदिर एक लोकप्रिय झील के पास स्थित है, जहां रोजाना भक्तों का जमावड़ा लगता है। मशहूर कवि कालिदास की कृतियों में यहां का उल्लेख मिलता है। शिवरात्रि के दौरान यहां भव्य आयोजन किए जाते हैं।काल भैरव टेम्पल PC-Utcursch श्री महाकालेश्वर मंदिर के बाद आप शिप्रा नदी के तट पर स्थित काल भैरव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। अतीत से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि इस भव्य मंदिर का निर्माण राजा भद्रसेन ने करवाया था। हिन्दू पौराणिक किवदंतियों के अनुसार काल भैरव भगवान शिव का स्वरूप हैं। कहा जाता है कि खुद काल भैरव यहां आने वाले श्रद्धालुओं की रक्षा करते हैं। आप यहां मंदिर परिसर में देवी-देवताओं की मूर्तियां देख सकते हैं। इस मंदिर से एक अजीबों गरीब तथ्य भी जुड़ा है, यहां काल भैरव को अन्य प्रसाद के साथ शराब चढ़ाई जाती है। भारत के विविध धार्मिक स्वरूप को देखने के लिए आप यहां की यात्रा कर सकते हैं। जंतर मंतर PC- Bernard Gagnon उज्जैन स्थित जंतर मंतर लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थानों में से एक है, यह कभी अध्ययन का बड़ा केंद्र हुआ करता था जहां खगोल विज्ञान की शिक्षाएं दी जाती थीं। इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि जंतर मंतर को 17 वीं शताब्दी के दौरान राजा जय सिंह ने बनवाया था। राजा जय सिंह एक महान विद्वान थे जिन्होंने खगोल विज्ञान पर कई किताबें भी लिखी थीं। जंतर मंतर में लगे सभी उपकरण राजा जय सिंह द्वारा ही लगवाए गए थे। यह ध्यान देने वाली बात है कि भारत के भूगोल शास्त्री मानते हैं यहां से पहला मेरिडियन गुजरता था, और वर्तमान गणनाओं से पता चला है कि कर्क रेखा(Tropic of cancer) उज्जैन से मात्र 3 किमी की दूरी पर स्थित है। शायद यही कारण था कि राजा जय सिंह ने यहां एक वेधशाला का निर्माण करवाया। इस तथ्य से पता चलता है कि भारत शुरू से ही खगोल विज्ञान में कितना आगे था। कालियादेह पैलेस PC- Prabhavsharma8 इन स्थलों के अलावा अन्य ऐतिहासिक स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। आप यहां शिप्रा नदी के तट पर कालियादेह महल की सैर का आनंद उठा सकते हैं। इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस पैलेस का निर्माण 1458 ईस्वी में मंडु के सुल्तानों के करवाया था। प्रारंभिक साहित्यिक लेखों में इसके प्राचीन निर्माण का उल्लेख मिलता है, और माना जाता है कि यहां महल के अंदर सूर्य मंदिर भी था। महल की संरचना काफी ज्यादा प्रभावित करती है, महल का आकर्षक गुंबद फारसी वास्तुकला से प्रभावित है । इस महल को पिंडारियों ने धव्स्त कर दिया था जिसके बाद 1920 में माधव राव सिंधिया ने इसका पुन निर्माण करवाया। चिंतामन गणेश मंदिर PC- Ssriram mt उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते हैं। शिप्रा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर शहर का सबसे बड़ा गणेश मंदिर है। यह एक प्राचीन मंदिर है और ऐसा माना जाता है कि यहां गणेश भगवान की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। यहां गणेश चिंतामणी के रूप में पूजे जाते हैं, नाम का शाब्दिक अर्थ होता है तनाव से मुक्ति। यहां रोजाना भक्तों का आना जाना लगा रहता है। एक अलग अनुभव के लिए आपको यहां की यात्रा का प्लान करना चाहिए। पश्चिम बंगाल : जलपाईगुड़ी में लें इन स्थलों की सैर का रोमाचंक आनंद

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