कोलकाता टाइम्स
अक्सर सुना होगा कि अच्छी सेहत के लिए भरपूर नींद लेना जरूरी है। नींद पूरी ना होने पर कुछ शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। खासकर देश के मामले में। कम नींद आप लेते हैं और करोड़ों का नुकसान देश को उठाना पड़ता है। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की एक रिसर्च बताती है।
नींद से संबंधित यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने की है। एक जर्नल ने छपी इस स्टडी में व्यक्ति की नींद से संबंधित बातों का आंकलन किया गया है। रिसर्च में देखा गया कि किसी व्यक्ति के कम सोने के क्या-क्या आर्थिक दुष्परिणाम हो सकते है?
रिसर्च में पता चला अगर देश की जनता पर्याप्त नींद नहीं ले पाती है तो इससे देश को अरबों रुपये का नुकसान होता है। स्टडी के अनुसार, नींद की कमी से होने वाले खर्चों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च, हेल्थकेयर सेक्टर से बाहर सेहत के लिए किया गया खर्च, कार्यक्षमता पर असर की वजह से होने वाले नुकसान और गाड़ियों के एक्सिडेंट से होने वाले नुकसान शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया में लोगों की नींद की कमी के कारण लगभग 17.88 बिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर का नुकसान होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया का हर तीसरा व्यक्ति पर्याप्त नींद नहीं ले पाता है। इसके कारण उनकी सेहत को भारी नुकसान पहुंचता है।
अलग-अलग स्लीप सर्वे से पता चला है कि ऑस्ट्रेलिया में लगभग 33% से 45% लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं। वहीं अमेरिका में 30% और ब्रिटेन में 37% लोगों का हाल भी ऐसा ही है। स्विस बैंक यूबीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 77 देशों के लोगोंं की तुलना में मुंबई के लोग सबसे लंबे समय तक काम करते हैं। मुंबई में रहने वाला व्यक्ति साल में औसतन 3,314.7 घंटे काम करता है। जो रोम, पेरिस जैसे प्रमुख यूरोपीय शहरों के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा है।
ज़ाहिर सी बात है कि मुंबई के लोग भी अपना ज्यादा से ज्यादा समय काम को देते हैं। ऐसे में इसका असर उनकी नींद पर पड़ता ही होगा। मुंबई की तरह ही देश के बाकी शहरों का हाल भी कुछ ऐसा ही है। भारत की भी काफी जनता पर्याप्त नींद नहीं लेती, जिसके चलते भारत को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता होगा।