पेट के रास्ते चीन के दिल तक पहुंचने की तैयारी में भारत
कोलकाता टाइम्स
कहते हैं दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है। कुछ ऐसा ही ऐसा ही दिख रहा है चीन को चावल भेजने के मामले में। अमरीका की धमकी को अनदेखा कर भारत अब चीन को चावल भेजने जा रहा है। इस निर्यात के जरिये भारत चीन से अपना सम्बन्ध सुधरने। ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत अमेरिका को ललकारने वाले चीन को चावल का निर्यात कर रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक चीन को गैर-बासमती चावल निर्यात किया जा रहा है। 28 सितम्बर को नागपुर से 100 टन गैर-बासमती चावल की शिपमैंट चीन के लिए रवाना हुई । चीन व भारत के बीच बढ़ते व्यापार घाटे को देखते हुए इस निर्यात को काफी अहम माना जा रहा है।
चीन इन दिनों पहले से ही अमरीका के साथ ट्रेड वार में उलझा है। ऐसे में भारत को चीन से गैर-बासमती चावल के निर्यात का आर्डर मिलना दोनों देशों के बीच सुधरते रिश्ते के रूप में भी देखा जा रहा है। भारत चीन के खाद्य बाजार में अपना प्रवेश चाहता है। इस काम के लिए कई साल से भारत प्रयास कर रहा था। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल चीन में गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए 19 चावल मिलों एवं फूड प्रोसैसिंग यूनिट को रजिस्टर्ड किया गया है।
चावल के साथ भारत चीन में काफी अधिक मात्रा में सोयाबीन निर्यात करने की तैयारी में जुट गया है। रुपए में होने वाली गिरावट और सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ौतरी की वजह से भारत चीन के सोया बाजार में अपनी धाक जमाने की तैयारी में है। सोयाबीन प्रोसैसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के मुताबिक अगले 2-3 महीने में चीन का सोया बाजार भारत के लिए खुलने की उम्मीद की जा रही है।