कोरा सच : दुनिया के लिए आज भी भयानक खतरा तबाह फुकुशिमा परमाणु सयंत्र
कोलकाता टाइम्स
खतरे की तलवार बनकर आज भी लटक रही है जापान के तबाह हो चुके फुकुशिमा परमाणु सयंत्र। जिसका खुलासा परमाणु सयंत्र के संचालक ने किया। उन्होंने बताया कि संयंत्र में एकत्रित करके रखा गया रेडियाधर्मी पानी अब भी पूरी तरह साफ नहीं हुआ है तथा उसे समुद्र में छोड़े जाने से पहले और जलशोधन किए जाने की जरुरत है। टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी और सरकार ने कहा था कि पानी के शोधन ने ट्राइटियम के अलावा सभी रेडियोधर्मी पदार्थों को हटा दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि कम मात्रा में ट्राइटियम सुरक्षित है।
उन्होंने इसे ‘ट्राइटियम जल’ बताया था, लेकिन असल में ऐसा नहीं था। टीईपीसीओ ने बताया कि अध्ययन में पता चला कि पानी में रेडियोधर्मी आयोडीन, सीजियम और स्ट्रोंशियम समेत अन्य पदार्थ अब भी मौजूद हैं। उसने बताया कि 900,000 टन पानी का 80 प्रतिशत से ज्यादा अब भी टैंकों में भंडार करके रखा है जिसमें रेडियोधर्मी पदार्थ मौजूद हैं।
बता दे, जापान में मार्च 2011 में आए भूकंप और सूनामी में संयंत्र के तीन रिएक्टर बर्बाद हो गए थे। तब से लेकर अब तक जापान इस आम सहमति पर नहीं पहुंचा पाया कि रेडियोधर्मी पानी का क्या किया जाए। मछुआरों और निवासियों ने इसे समुद्र में छोड़े जाने का विरोध किया है। परमाणु विशेषज्ञों ने प्रशांत महासागर में नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ने की सिफारिश की है।