November 23, 2024     Select Language
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इस मंदिर में प्रसाद ममें बनते जाते हैं चप्पल, घडी और चस्मा  

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कोलकाता टाइम्स
मंदिर एक पवित्र स्थल माना जाता है, जहां प्रवेश से पहले श्रद्धालु अपने जूते चप्पल और सैंडिल बाहर ही उतार देते हैं। आपको यह जानकर शायद हैरानी । लेकिन यह बिल्कुल सच है कि एक ऐसा भी मंदिर है जहां प्रसाद में आपको चप्पल मिलेगी। दरअसल, हम बात कर रहे हैं भोपाल के कोलार इलाके में स्थित जीजी बाई का मंदिर की। ऊंची पहाड़ी पर बने इस मंदिर में मां दुर्गा को नई चप्पल और सैंडिल चढ़ाई जाती है। जब यहां बड़ी मात्रा में चप्पल जमा हो जाती हैं तो आने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में बांट दी जाती हैं।

गर्मी के मौसम में इस मंदिर में देवी मां के भक्त चप्पल के साथ-साथ चश्मा और घड़ी भी चढ़ाते हैं। मंदिर के सेवक ओम प्रकाश महाराज के मुताबिक, देवी मां दुर्गा की देखभाल एक बेटी की तरह होती है। ओम महाराज के अनुसार, कई बार उन्हें ये आभास होता है कि देवी खुश नहीं है तो दिन में दो-तीन घंटे के बाद माता के कपड़े बदल देते हैं।

ऐसी मान्यता है कि तकरीबन 18 साल पहले ओम प्रकाश महाराज ने मूर्ति स्थापना की थी। कहा जाता है कि इस महाराज ने तब शिव-पार्वती का विवाह कराया था और खुद कन्यादान किया था। तब से ओम महाराज मां सिद्धिदात्री को अपनी बेटी मानकर पूजा करते हैं।​

ओम महाराज के मुताबिक, मंदिर आने वाले कुछ भक्त अब विदेशों में बस गये हैंं। मन्नत पूरी होने पर उनके भक्त माता के लिए विदेशों से भी चप्पल भेजते हैं। मां दुर्गा के लिए सिंगापुर और पेरिस से भी चप्पल आई है। जब भक्तों द्वारा चढ़ाई गई चप्पलों की संख्या बढ़ जाती है तो, उसे देवी मां के प्रसाद के रूप में लोगों में बांट दिया जाता है।

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