July 3, 2024     Select Language
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रोओ खूब रोओ… ‘टियर्स टोचर’ के साथ यह मन्त्र जाप रहा जापान

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कोलकाता टाइम्स

कर्मचारियों के अलावा जापानी छात्र भी दुनिया में सबसे ज्यादा तनावग्रस्त छात्रों में गिने जाते हैं। ऐसे में अपने नागरिकों को तनाव मुक्त रखने के लिए जापान एक नया तरीका अपना रहा है। यहां लोगों का तनाव भगाने के लिए उन्हें हंसाने की बजाय रुलाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। कंपनियां और स्कूल अपने कर्मचारियों और छात्रों को हफ्ते में एक दिन जमकर रोने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। रोने के फायदे बताने के लिए खास तरह ‘टीयर्स टीचर’ यानी आंसू लाने वाले ट्रेनर भी तैयार किए जा रहे हैं।

जापान की एक हाईस्कूल टीचर हीदेफूमी योशिदा (43) ने पांच-छह साल पहले रोने से होने वाले फायदों पर शोध और प्रयोग शुरू किए। अब उन्हें जापान में नामिदा सेंसेई यानी टीयर्स टीचर के तौर पर जाना जाता है। योशिदा की जापानी कंपनियों और स्कूलों में भारी मांग है। इन्हें कंपनियों और स्कूलों में रोने के फायदे बताने और लोगों को रुलाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। योशिदा के रुलाकर तनाव भगाने वाले एक्सपेरिमेंट्स पर तोहो यूनिवर्सिटी की मेडिसन फैकल्टी के प्रमुख प्रोफेसर हिदेहो अरिटा भी शोध कर चुके हैं। इन दोनों के प्रयोग और रिसर्च से साबित हुआ है कि हंसने और सोने के मुकाबले रोने से तनाव ज्यादा जल्दी खत्म होता है। हफ्ते में एक बार रोने से स्ट्रेस फ्री लाइफ जीने में बड़ी मदद मिलती है। इनके शोध से निकले नतीजों को देखते हुए जापान सरकार ने साल 2015 में 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनियों के लिए तनाव मुक्त कदम उठाना अनिवार्य कर दिया था।

दुनिया के 70 फीसदी मनोचिकित्सक तनाव से जूझ रहे लोगों को रोने की ही सलाह देते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक मानव शरीर तीन तरह के आंसू रिलीज करता है- पहला है रिफ्लेक्स। ये आंसू तब बनते हैं जब आंख में कोई बाहरी कण गिर जाता है। दूसरे  कॉन्टिन्यूअस टीयर्स, ये आंसू हमारी आंखों में नम रखने में मदद करते हैं। तीसरे होते हैं इमोशनल टीयर्स, ये भावनाओं से जुड़े होते हैं और मनुष्य के दुखी या खुश होने पर रिलीज होते हैं।

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