June 22, 2024     Select Language
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मानव के 8 प्रतिशत कर रहा यह कमाल, सौ जाग जाये तो क्या हो हाल?

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कोलकाता टाइम्स : 

मानव में डीएनए (डिऑक्सीराइबोन्यूाqक्लक एसिड) का केवल ८.२ प्रतिशत हिस्सा ही एक्टिव और क्रियाशील होता है। मानव के डीएनए जुड़ी हुई यह चौंकाने वाली जानकारी ऑक्सफर्ड युनिर्विसटी के एक शोध के बाद सामने आई है। २०१२ में वैज्ञानिकों के बताए आंकड़े से यह पूरी तरह अलग है। पहले बताया गया था कि मानव शरीर में 80  फीसदी डीएनए एक्टिव और पंâक्शनल होता है। आंकड़ों को साबित करने के लिए ऑक्सफर्ड की टीम ने टेस्ट किया कि मैमल्स के 100  मिलियन से भी ज्यादा सालों के जांच के दौरान ऐसे कितने डीएनए हैं, जिनमें बदलाव देखने को नहीं मिला। इसका मतलब यह है कि ऐसे डीएनए महत्वपूर्ण हैं और इनका कोई न कोई रोल जरूर होगा। मानव समेत सभी जीव में अनुवांशिक (जेनेटिक) गुण इसी के जरिए आता है। मनुष्य के शरीर की लगभग हर कोशिका (सेल) में समान डीएनए मौजूद होते हैं। ज्यादातर डीएनए कोशिका के न्यूाqक्लयस में उपाqस्थत होते हैं जिन्हें न्यूाqक्लयर डीएनए कहा जाता है। कुछ डीएनए माइटोकॉाqन्ड्रया में भी होते हैं जिन्हें माइटोकॉाqन्ड्रयल डीएनए कहते हैं। डीएनए में इन्फर्मेशन ४ केमिकल्स (बेस) के कोड मैप के रूप में होती हैं – एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन और थायमिन। मानव डीएनए करीब 3 बिलियन बेस से बना होता है। इनमें से ९९ प्रतिशत बेस सभी लोगों में समान होते हैं।

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