May 19, 2024     Select Language
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ऐसे लगाए मिट्टी, है लाइलाज उपचार

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कोलकाता टाइम्स : 

रती हमारी माता है और हर माता की तरह ही यह धरती भी हम बच्चो का अच्छे से ख्याल रखती है। जब भूख लगती है तो फल, सब्जी देती है, प्यास लगने पर पानी और धुप लगने पर छाया। लेकिन क्या आप जानते है यदि आपको मोच आजाये या शरीर में दर्द हो तब भी यह हमारी मदद कर सकती है। आपको बस इसी धरती की मिटटी का उपयोग कर उसकी पट्टी बनाना होगा. तो आइए जाने कि मिटटी की पट्टी का उपयोग करते समय किन किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

1. मिट्टी की पट्टी बनाने के लिए किसी साफ सुथरी जगह या तालाब से चार-पांच फिट की गहराई से मिट्टी लेनी चाहिए ।
2. मिट्टी को कूट कर, छान कर साफ जगह पर इकट्ठा कर लें तथा धूप में सूखालें ।
3. रात में किसी बर्तन में आवश्यक मात्रा में पानी डालते हुए मिट्टी को भिगो दें ।
4. प्रात: काल प्रयोग में लाने से पहले उसे किसी लकड़ी की सहायता से मिलाकर गूंथे हुए आटे  की तरह बना लें ।
5. अब एक मोटे, साफ कपड़े के टुकड़े पर मिट्टी रखकर उसे लकड़ी की सहायता से फैलाकर पट्टी जैसा बना लें ।
6. पेट पर लगाने दे लिए मिट्टी की पट्टी का आकार- प्रकार लगभग 6”X 10”X 1 ½ “  अथवा आवश्यकतानुसार रखा जा सकता है ।
7. इस पट्टी को नाभि से नीचे पेडू पर इस प्रकार से रखें कि मिट्टी त्वचा से स्पर्श करती रहे ।
8. पट्टी 20 से 30 मिनट तक रखी जा सकती है ।
9. पट्टी खाली पेट रखनी चाहिए तथा उसे हटाने के पश्चात् उस स्थान को गिले कपड़ें से पोंछ कर हथेली से रगड़ कर गर्म कर देना चाहिए ।
10. एक बार प्रयोग में लाई गई मिट्टी को दुबारा प्रयोग में नहीं आना चाहिए ।
11. इसी प्रकार माथे, आँखों तथा रीढ़ की हड्डी पर भी मिट्टी की पट्टी बनाकर रखी जा सकती है ।

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