जानते हैं दिमाग को सिकुड़ कर छोटा कर देता है स्ट्रेस ?
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कोलकाता टाइम्स :
न्यूरोलॉजी में हाल ही में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, लगातार स्ट्रेस लेने की वजह से इंसानी दिमाग के ग्रे मैटर का हिस्सा कम हो जाता है। ये वो भाग है जो इंसानों में विचारों, आत्म-नियंत्रण और नयी यादों को विकसित करने के लिए ज़िम्मेदार होती है। मगर ज़्यादा टेंशन लेने की वजह से ये प्रभावित होने लगता है।
इस स्टडी में लोगों के कोर्टिसोल लेवल की तुलना की गयी। इसके साथ ही उनकी याददाश्त, एकाग्रता और दिमाग के आकार का भी परीक्षण किया गया। इसमें पाया गया कि जिन लोगों में कोर्टिसोल का लेवल ज़्यादा है उनके ब्रेन का आकार, कम कोर्टिसोल लेवल वाले व्यक्तियों के दिमाग के आकार की तुलना में छोटा है। आपको बता दें की कोर्टिसोल स्ट्रेस हार्मोन होता है। इस स्टडी को साफ़ शब्दों में समझाया जाए तो तनाव आपके ब्रेन के आकार को प्रभावित करता है और उसे छोटा बनाता है।
कोर्टिसोल मुख्य स्ट्रेस हार्मोन है और ये स्थिति के अनुसार उससे लड़ने या फिर शांत रहने के लिए बॉडी को प्रेरित करता है। ये हार्मोन एड्रेनल ग्रंथि से स्रावित होता है। ज़िंदगी में तनाव बना ही रहता है, लेकिन आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि ये स्ट्रेस आप पर हावी ना हो जाए। ध्यान रहे हम यहां आपके द्वारा पुराने और लगातार लिए जाने वाले स्ट्रेस कि बात कर रहे हैं।
कोर्टिसोल मुख्य स्ट्रेस हार्मोन है और ये स्थिति के अनुसार उससे लड़ने या फिर शांत रहने के लिए बॉडी को प्रेरित करता है। ये हार्मोन एड्रेनल ग्रंथि से स्रावित होता है। ज़िंदगी में तनाव बना ही रहता है, लेकिन आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि ये स्ट्रेस आप पर हावी ना हो जाए। ध्यान रहे हम यहां आपके द्वारा पुराने और लगातार लिए जाने वाले स्ट्रेस कि बात कर रहे हैं।