कहीं भी आती है नींद, कहीं आपको ये डिसऑर्डर तो नहीं
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कोलकाता टाइम्स :
नार्कोलेप्सी मेडिकल भाषा में एक टर्म है जो स्लीप डिसऑर्डर से जुड़ा हुआ, जिसमें व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा नींद आती है। इस डिसऑर्डर में व्यक्ति को आमतौर पर दिन में ज्यादा नींद आने लगती है। नार्कोलेप्सी के कारण व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अचानक सो सकता है। कई बार तो मरीज बैठे-बैठे, हंसते हुए या रोते समय भी सोने लगता है। आमतौर पर अगर किसी को नींद आने लगती है तो लोगों इसे थकान या ज्यादा खाने से जोड़कर देखने लगते है। मगर नार्कोलेप्सी को मेडिकल साइंस में एक न्यूरोलॉजिकल समस्या माना जाता है, जिसका आसानी से इलाज संभव है। आइए जानते है इस डिसऑर्डर के बारे में
नार्कोलेप्सी एक तरह का स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज़ कभी भी कहीं भी अचानक से सो जाता है। अगर आप रात को भी भरपूर मात्रा में नींद ले लेते हो तब भी इस डिसऑर्डर की वजह से मरीज को दिनभर गहरी नींद का अहसास होगा। इस रोग से प्रभावित मरीज कितना भी सो ले लेकिन उसे ऐसा लगता है, जैसे वह सोया ही नहीं है। यह बीमारी ज्यादातर 15 से 25 साल की उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाती है और ये पुरुष या महिला किसी को भी हो सकती है।
क्या हैं नार्कोलेप्सी के लक्षण : नार्कोलेप्सी के मरीज को पूरे दिन नींद आती रहती है। रात को भरपूर नींद लेने के बाद मरीज को नींद आती रहती है। नींद के साथ-साथ मरीज को आलस और थकान भी महसूस होने लगती है। मरीज कहीं भी और कभी भी सो जाता है। आमतौर पर नार्कोलेप्सी के मरीज सुबह बहुत देर से उठते हैं। नार्कोलेप्सी के मरीज को कई बार स्लीप पैरालिसिस की समस्या भी हो सकती है।
सोने का समय करें निर्धारित : नार्कोलेप्सी के मरीजों के लिए सोना का शेड्यूल बनाना बहुत जरूरी है। हर रोज एक ही समय पर सोने के लिए बिस्तर पर जाएं और सुबह बिस्तर छोड़ें। बेडरूम में रीडिंग या फिर टीवी देखने जैसी एक्टीविटी न करें, इससे नींद में खलल पड़ सकता है। पॉवर नेप ले अगर आपको बहुत ही ज्यादा नींद की समस्या हो रही है तो छोटी छोटी 15 से 20 मिनट की पॉवर नेप ले लें। झपकी लेने से आपको ताज़गी महसूस होती और कुछ देर नींद की समस्या नहीं होगी।
डॉक्टर से लें सलाह: नार्कोलेप्सी कोई असंभव बीमारी नहीं है, इसका आसान सा इलाज है। नार्कोलेप्सी के इलाज के लिए ‘मोडाफाइनिल’ नाम की दवा का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं इसलिए इसे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।