खुलासा : जान खतरे में डाल सिर्फ 9 महीने में 20,000 बच्चियां प्रेगनेंट
कोलकाता टाइम्स :
दक्षिणी राज्य तमिलनाडु से हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ये आंकड़े प्रेगनेंसी को लेकर हैं, जिसमें बताया गया है कि राज्य में पिछले 9 महीने में 20 हजार नाबालिग बच्चियों के गर्भवती होने के मामले सामने आए हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के कमिश्नर दरेज अहमद ने बताया कि जो मामले आए हैं, उनकी जांच के बाद पता चला है कि लगभग सभी की शादियां किशोरावस्था में कर दी गई थीं और ये 16 से 18 की उम्र के बीच मां भी बन गईं। इन आंकड़ों से एक बात और उजागर हुई है कि प्रदेश में अभी भी धड़ल्ले से बाल विवाह हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में गर्भवती होने वाली किशोरियां अपने बच्चे को जन्म देना चाहती थी। हालांकि इस दौरान उनकी जान खतरे में थी। इसके बावजूद वे गर्भपात कराने को तैयार नहीं थीं।
आंकड़ों की मानें तो 2008 से 2018 तक प्रदेश में सिर्फ 6,965 बाल विवाह हुए। सामाज सेविका विद्या रेड्डी ने बताया कि आज बच्चों को सेक्स और प्रजनन की शिक्षा देने की जरूरत है। अध्ययन में यह सामने आया है कि देश में बच्चों को सेक्सुअल हेल्थ के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है. लोगों में सेक्स, गर्भ, गर्भ निरोधक के तरीकों, सेक्स संबंधित बीमारियों, गर्भपात किस तरह कानूनी है जैसी जानकारियां भी नहीं हैं।