June 29, 2024     Select Language
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निखरी त्वचा विटमिंस थेरेपी से 

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कोलकाता टाइम्स :
च्छी और स्वस्थ त्वचा के लिए पौष्टिक आहार जरूरी होता है। विटमिंस की कमी से कई समस्याएं हो सकती हैं। भोजन से तो हमें विटमिंस और मिनरल्स मिलते ही हैं। अगर इनसे युक्त चीजों का बाह्य तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो कहने ही क्या! आप अगर साफ-सुथरी, निखरी व रिंकल फ्री त्वचा चाहती हैं, तो विटमिन थेरेपी एक ऐसी चीज है जिसका लंबे समय तक कोई नुकसान नहीं होता। दरअसल अब विटमिंस सीरम और कैप्सूल के रूप में मिलने लगे हैं, जिन्हें त्वचा पर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। सही तरीके से विटमिंस के इस्तेमाल से आपकी त्वचा खूबसूरत बन सकती है। गंगाराम हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट रोहित बत्रा बताते हैं कि विटमिन थेरेपी आधुनिक थेरेपी है और इसे भारत में आए कुछ साल ही हुए हैं। इंजेक्शन लगवाने और दवाइयों के प्रयोग से अब लोग तौबा कर रहे हैं। ऐसे में विटमिंस के लाभ की जानकारी से लोग त्वचा में आसानी से निखार व कसाव ला सकते हैं।
त्वचा में कसाव लाने के लिए विटमिन ए 
विटमिन ए झुर्रियों को आने से रोकने में मदद करता है। यह त्वचा में कसाव लाकर उसे चमकदार बनाता है। साथ ही त्वचा को क्रैक्स से बचाता है और उसे स्मूद बनाता है। विटमिन ए गाजर, कद्दू , अंडा, पपीता, दूध, दही और आम में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। फेसपैक, उबटन, स्क्रब और इनके फेशियल से चेहरे को जरूरी विटमिन ए प्राप्त होगा और त्वचा पर झुर्रियां नजर नहीं आएंगी। त्वचा में कसाव लाने के लिए आप पके पपीते के गूदे में ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाएं। सूखने पर गीला करके हलके हाथों से मलते हुए छुड़ाएं।
चमक के लिए विटमिन ई 
त्वचा की ऊपरी परत को पोषण और सुरक्षा देने के लिए विटमिन ई बहुत जरूरी है। यह त्वचा का रुखापन हटाता है और झुर्रियों को आने से रोकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट है और त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। त्वचा के टिश्यू रिपेयर में इसका अहम रोल होता है। यह सूर्य की तेज और नुकसानदेह यूवीबी किरणों से हुए नुकसान की भरपाई भी करता है। विटमिन ई के कैप्सूल भी बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। अगर त्वचा अत्यधिक रूखी है तो विटमिन ई लगाने और खाने से गजब का बदलाव नजर आएगा। विटमिन ई बादाम, ऐवोकैडो, ऑलिव ऑयल, कीवी और टमाटर में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। सप्ताह में 2-3 बार इनका इस्तेमाल फेसपैक के रूप में करने से काफी लाभ होगा।
फेयरनेस के लिए विटमिन सी
सभी ब्यूटी क्रीम का मुख्य हिस्सा विटमिन सी होता है। यह शरीर में कोलैजन का उत्पाद करता है, जो एक तरह का प्रोटीन है। यह त्वचा की संरचना करने में मदद करता है। 35 साल के बाद कोलैजन बनने की गति बहुत धीमी होने लगती है, इस कारण त्वचा का लचीलापन कम होता जाता है और वह ढीली पड़ने लगती है। 35 साल के बाद विटमिन सी की निहायत जरूरत होती है। न सिर्फ शरीर, बल्कि चेहरे के लिए भी विटमिन सी की सख्त जरूरत होती है। यह त्वचा में कसाव व चमक लाता है।
विटमिन सी जलन भी दूर करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज करते हैं, जिससे कोश क्षतिग्रस्त नहीं होते और आप लंबे समय तक जवां नजर आती हैं। यह सिट्रस फलों जैसे अंगूर, संतरा, टमाटर, नीबू के अलावा स्पाउट्स और शिमला मिर्च में भी पाया जाता है।
विटमिन सी त्वचा की रंगत में निखार लाता है। इसका प्रयोग सही मात्रा में किया जाए तो त्वचा में कमाल का बदलाव देखा जा सकता है। विटमिन सी के कैप्सूल भी आते हैं और आप इन्हें चेहरे पर लगा सकती हैं।
एक खास बात ध्यान देने वाली है कि यह जैसे ही हवा के संपर्क में आता है, ऑक्सीडाइज हो जाता है और असर नहीं कर पाता। ऐसे में चेहरे पर लगाने के लिए खास तौर से बंद कैप्सूल आते हैं। इन्हें खोलते ही लगाना होता है। अगर यह खुला पड़ा रह जाए तो बेकार हो जाता है। इनमें विटमिंस होते हैं इसलिए इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इन्हें आप अगर दोबारा भी लगाना चाहें तो भी कोई नुकसान नहीं होता। जिन लोगों को दवाएं लेने या कोई सर्जरी कराने से ऐतराज है, उनके लिए तो यह बेहद फायदेमंद है। डॉक्टर की सलाह पर आप अपनी त्वचा की किस्म और जरूरत के मुताबिक इनका इस्तेमाल कर सकती हैं। सिट्रस फलों वाले कोई भी पैक का प्रयोग करने से पहले त्वचा रोग विशेषज्ञ या ब्यूटी क्लिनिक में संपर्क जरूर करें।
जरूरी बात
खाने वाला विटमिन कैप्सूल चेहरे पर नहीं लगाया जा सकता। इन्हें चेहरे पर लगाने की तकनीक नैनो टेक्नोलॉजी होती है। इनके भीतर जो विटमिन पार्टिकल होते हैं, वो बहुत छोटे होते हैं ताकि आपकी त्वचा के भीतर समा सकें। त्वचा के लिए प्रयोग किए जाने वाले मीटर्ड डोज कैप्सूल इस तरह से बनाए जाते हैं कि आसानी से इन्हें खोलकर चेहरे पर लगाया जा सकता है।

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