ना मुहूर्त ना कन्यादान, बस घोड़ी चढ़ आयी दुल्हन ने दूल्हे को मंगलसूत्र पहना किया शादी संपन्न
कोलकाता टाइम्स :
दुनिया जिस तेजी से बदल रही है उतनी ही तेजी से रीति रिवाज, सोच बदल रही है। बदलती सोच की शायद इससे बड़ा उदहारण आपको इस शादी के अलावा और कही देखने को ना मिले। इस शादी में बिना कोई मुहूर्त तय किए दूल्हा-दुल्हन से सात फेरे लिए। सिर्फ यह ही नहीं नहीं इसमें दुल्हनें घोड़ी चढ़ कर आई और दूल्हों ने मंगलसूत्र पहना। हालांकि, ऐसा इन लोगों ने समाज में लैंगिक समानता (Gender equality) का संदेश देने के लिए किया। कन्यादान की रस्म के बिना हुई शादी का यह मामला विजयापुर जिले के मुद्देबिहल का है। यहां के दुद्दागी और बारागुंडी परिवारों ने नालाटावाडा गांव के हल्लुर पैलेस में इस विवाह समारोह का आयोजन किया था। इस शादी में दूल्हे हालुमठ समुदाय से थे और दुलहनें बानाजिगा समुदाय कीं थीं।
इस अंतरजातीय (Inter Cast) सामूहिक विवाह समारोह में कन्यादान, मुहूर्त और अक्षत (चावल के रंगीन दानों) से नव दंपत्ति को शुभकामनाएं देने की भी कोई परंपराएं (Traditions) भी बदली गईं। जैसे ही दूल्हों ने दुलहनों के मंगलसूत्र बांधा वैसे ही दुलहनों ने भी दूल्हों के गले में मंगलसूत्र डाल दिया।