चाय, कॉफी पीने की क्या जरूरत जब सोचने से ही तरोताजा
कोलकाता टाइम्स :
अब जिसके बारे में सोचने से ही दिलो दिमाग ताजगी से भर जाये उसे पीने की क्या जरूरत ? अजी बात हो रही है चाय, कॉफी की। वैज्ञानिकों ने ताजा शोध में पता लगाया है कि लोगों को सुबह की नींद से जगाने में विश्व में दूसरे स्थान पर रहने वाली चाय और चौथे स्थान पर रहने वाले कॉफी के बारे में सोचने मात्र से भी तरोताजा महसूस किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के सह प्रोफेसर सैम मैगलियो के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस संबंध में अनुसंधान किया है। प्रोफेसर मैगलियो ने ‘कॉन्शसनेस एंड कॉग्निशन’ पत्रिका में प्रकाशित अपने शोधपत्र में कहा है कि सुबह की नींद से उठाकर फुर्ती भरने वाली कॉफी और चाय में मनोवैज्ञानिक गुण भी हैं जिसके बारे में लोगों को शायद ही मालूम है।
दोनों केवल पीने से ही नहीं ताजगी भर सकतीं बल्कि उससे जुड़ीं चीजों मसलन, मग, प्यालों, चाय के ब्रांड, एक्सप्रेसो, केपिचिनो, लैटे आदि कॉफी का ‘लोगो’ देखने और चाय अथवा कॉफी के बारे में सोचने मात्र से भी तरोताजा हुआ जा सकता है।उन्होंने कहा कि हमने अपने शोध में पाया कि दोनों पेय पदार्थों से जुड़ी सांकेतिक चीजों को देखने और उनके बारे में सोचने मात्र से ताजा महसूस किया जा सकता है। इसके लिए अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय देशों के साथ-साथ चीन, जापान और कोरियाई देशों के करीब 342 लोगों के 4 समूहों पर शोध किया गया।