May 18, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

इनसे तौबा करें और कैंसर से बचें 

[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स : 
ये एक लाइलाज बीमारी है। हालांकि शुरुआती लक्षण पहचानकर इसका इलाज किया जा सकता है लेकिन क्‍या आप जानते है कि शराब, सिगरेट या इसके धुंए और तम्‍बाकू के कारण ही कैंसर नहीं होता है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्‍हें खाने से कैंसर का खतरा ज्‍यादा हो जाता है। आइए जानते है कि ऐसे फूड के बारे में जिनसे आपको दूरी बना लेनी चाह‍िए।

सोडा :  प्रतिदिन सिर्फ एक गिलास साफ्ट ड्रिंक पीने से आप कैंसर के खतरों को बढ़ा देते हैं, इसके रोजाना सेवन से लीवर, प्रोसेस्‍ट, ऑवरी और गालब्‍लैडर जैसे कैंसर की सम्‍भावनाएं बढ़ जाती है।
वेजिटेबल ऑयल : वेज‍िटेबल ऑयल में भी कई तरह के कैमिकल्‍स मौजूद होते है, जो कि सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वेजिटेबल ऑयल को लंबे समय तक उपयोग में लाने के ल‍िए हाइड्रोजन और रासायानकि प्रतिक्रिया द्धारा बनाया जाता है।
माइक्रोवेब पॉपकॉर्न : दरअसल पॉपकॉर्न खाने से कैंसर नहीं बढ़ता है बल्कि पॉपकॉर्न के बैग में मौजूद रासायान‍िक तत्‍व होता है, जो पॉपकॉर्न को चिपकने से रोकता है। ये रसायन गरम करते वक्‍त निकलता है। इसमें मौजूद ऑयल या मक्‍खन पॉपकॉर्न में मिलकर फेफड़ों को सीधा नुकसान पहुंचाता है। इससे फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।
शराब : क्‍या आप जानते है कि सिर्फ एक गिलास अल्‍कोहल पेय पदार्थ पीने से 5 प्रतिशत तक स्‍तन कैंसर की सम्‍भावना बढ़ जाती है। इसके अलावा ज्‍यादा शराब का सेवन करने से गले का कैंसर होने की समस्‍या भी बढ़ जाती है।

रिफाइंड चीनी : कुछ लोग ब्राउन शुगर को सेहत के ल‍िए अच्‍छा मानते हैं लेकिन यह स्‍वास्‍थय के ल‍िए हानिकारक है। इसके ज्‍यादा सेवन करने से कैंसर सेल्‍स बढ़ने लगती है।
आलू चिप्‍स : आलू चिप्‍स खाना तो हर किसी को पसंद होता है लेकिन इनमें सबसे ज्‍यादा फैट और कैलोरी पाई जाती है। आलू के चिप्‍स और फ्रेंच फ्राई में अधिक मात्रा में एक्रिलामाइड नामक तत्‍व पाया जाता है जो कि सिगरेट में मौजूद होता है। ऐसे में इनका कम से कम सेवन करें।
डिब्बाबंद खाना :डिब्बाबंद खाना सही उपाय लग सकता है, पर सच्चाई में यह कैंसरकारी हो सकता है। आपको पता है कैसे? अगर आपको लगता है कि यह कैंसरकारी प्रिसरवेटिव के कारण होते हैं तो आप गलत हैं। सबसे ज़्यादा खतरनाक लाइनिंग मटेरियल है जो इन कैन को बनाती हैं जैसे बिस्फेनोल-ए या बीपीए। शोध बताते हैं कि बीपीए से जीन की संरचना में बदलाव आ जाता है जिससे कैंसर हो सकता है।

Related Posts