1.पाचन क्रिया
खाना खान के बाद सौंफ और मिश्री का सेवन करने से भोजन ठीक तरह से पच जाता है। सौंफ के चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ रात में लेने से कब्ज़ और गैस की समस्या से छुटकारा मिलता है।
2.आंखों की रोशनी
अगर अापकी अांखों की रोशनी कमजोर है तो सौंफ, मिश्री और बादाम को पीस कर पाऊडर बनाकर दिन में रोजाना तीन बार लेने से अांखों की रोशनी तेज रहती है।
3.पेट संबंधी बीमारियां
कई बार ज्यादा खाना खाने की वजह से पेट फूल जाता है और मितली जैसा होने लगता है तो भुनी हुई सौंफ का सेवन दिन में 2 से 3 बार करना लाभकारी हैं।
4.उच्च रक्तचाप
सौंफ में पोटाशियम की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर में हृदय की गति और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते है इसलिए खाना खाने के बाद सौंफ को चबा चबाकर खाना लाभकारी है।
5.वजन घटाए
सौंफ न केवल बीमारियो से बचाती हैं बल्कि शरीर की बढ़ती चर्बी को कम करने के लिए भी फायदेमंद है। सौंफ के साथ काली मिर्च का सेवन करने से वजन क़म होता हैं साथ ही यह क्लोस्ट्रोल के स्तर को भी कम करने में मददगार है।
6.कैंसर
सौंफ में भरपूर मात्रा में मैंगनीज मौजूद होता है जो कैंसर की संभावना को कम करता है। सौंफ को रोजाना चबाने पर त्वचा, पेट और स्तन कैंसर होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
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आपने रोड सेफ्टी को लेकर सरकार के ढ़ेरों विज्ञापन देखे होंगे। सरकार रोड सेफ्टी को लेकर बेहद सख्त है और ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर लोगों का चालान या कई बार तो केस कर दिया जाता है। सख्त नियमों के बावजूद कई लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाते देखे जातें हैं। इससे निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस तरह-तरह के उपाय करती रहती है।
बैंगलोर से एक वीडियो सामने आया है जिसमें बिना हेलमेट जा रहे एक बाइक सवार को ट्रैफिक कॉन्सेटेबल, चप्पल फेंककर मारते दिख रहा है। ये वीडियो रिशभ चटर्जी नाम के एक व्लॉगर ने ड्राइव के दौरान अपनी कार VW Polo के डैशकैम से लिया है।
हालांकि चप्पल से मार खाने के बाद बिना हेलमेट वाले राइडर ने चालान भरा या उस पुलिस पर कोई कारवाई की गई इसकी कोई जानकारी नहीं है। रिशभ अपनी कार से बैंगलोर की सड़क पर जा रहे थे। इस दौरान उनके कार का डैशकैम ऑन था और वो ड्राइव का वीडियो शूट कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने इंटरसेक्शन पर ये लम्हा कैद कर लिया।
दरअसल बाइक चलाते समय सेफ्टी के लिए हेलमेट पहनना अति आवश्यक है। 2016 के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं की 50,000 से ज्यादा टू-व्हीलर्स ने अपनी ज़िन्दगी रोड एक्सीडेंट में गंवाई। इनमें से अधिकाँश मौतें उन राइडर्स की थीं जो एक्सीडेंट के वक़्त हेलमेट नहीं पहने हुए थे। ये ऑंकड़ा अपने आप में सब कुछ बयान करता है।