कोलकाता टाइम्स :
चिकित्सा ऐसी ही एक अल्टरनेट थैरेपी के रूप में तेजी से चर्चित हो रही है, जिसमें विभिन्न् प्रकार से रत्नों और स्टोन के जरिए रोगों को ठीक किया जा सकता है। इसे स्टोन थैरेपी भी कहा जाता है। किडनी के रोगों में भी विभिन्न् प्रकार के स्टोन का उपयोग करके रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए जानते हैं वे कौन-कौन से स्टोन हैं जो किडनी रोगों में आराम पहुंचाते हैं।
किडनी की बीमारी ठीक करने के लिए पहनें ये रत्न
ग्रीन कोरल : यह एक चमकदार हरे रंग का चिकना स्टोन होता है जो किडनी के रोगों में तेजी से आराम पहुंचाता है। यदि किसी को किडनी संबंधी कोई भी रोग प्रारंभिक अवस्था में है तो यह पहनने से रोग आगे नहीं बढ़ता है। गंभीर अवस्था के रोगी भी यदि ग्रीन कोरल अपने पास रखें तो उन्हें अधिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। सामान्य लोग भी यदि ग्रीन कोरल की माला, पेंडेंट या अंगूठी पहनें तो उन्हें कभी किडनी का रोग होगा ही नहीं। किडनी के गंभीर रोगों में रेड कोरल यानी मूंगा भी उपयोग किया जाता है।
कारनेलियन : कारनेलियन लाल मूंगे की तरह अपारदर्शी, चिकना और लाल रंग का स्टोन होता है। इसमें किडनी को साफ करने का अद्भुत गुण होता है। यदि किडनी में किसी प्रकार की समस्या पैदा हो रही है तो योग्य रत्न चिकित्सक की सलाह से कारनेलियन का पानी पिलाया जाता है। इससे किडनी की सारी अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।
सिट्रीन : सिट्रीन पीला, चमकीला, पारदर्शी स्टोन होता है। इसे देखकर ही सुकून का एहसास होता है। यह स्टोन अनेक रोगों में रामबाण औषधि की तरह काम करता है। इसका प्रमुख गुण किडनी से अशुद्धियों को दूर करके उसकी कार्यप्रणाली को मजबूत बनाना है। जो लोग किडनी का डायलिसिस करवाते हैं उन्हें डायलिसिस के दौरान यह स्टोन अपनी मुठ्ठी में दबाकर रखना चाहिए इससे डायलिसिस के दौरान कोई परेशानी नहीं आती और किडनी ही।