थे पोलियो के शिकार फिरभी बने भारत के पहले मैच विनर
कोलकाता टाइम्स :
विदेश में भारत को पहली जीत हासिल करने का गौरव दिलाने वाले इस मशहूर खिलाडी के जीवन की सच्चाई जानेंगे तो हैरान हो जायेंगे। बचपन से ही पोलियो की बीमारी के शिकार होने के बावजूद यह उम्दा स्पिनर बने और इस स्पिनर्स ने दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान कर भारत का नाम वर्ल्ड क्रिकेट में ऊंचा किया था, यह खिलाड़ी कोई और नहीं भागवत चंद्रशेखर हैं।
बात 1971 की है जब टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत के बेतरीन स्पिन अटैक के बाद भी पहले दो टेस्ट ड्रॉ हो गए थे। तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच ओवल में हो रहा था। पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम ने 355 रन बनाए थे जिसमें चंद्रशेखर के दो विकेट थे। इसके जवाब में भारतीय टीम केवल 284 रनों पर आउट हो गई थी। दूसरी पारी में चंद्रा ने शानदार गेंदबाजी की और 18.2 ओवर में 38 रन देकर छह विकेट लिए। इस तरह इंग्लैंड की पारी केवल 101 रन पर सिमट गई जिससे भारत को 173 रन का लक्ष्य मिला और टीम ने यह लक्ष्य छह विकेट खोकर हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
चंद्रशेखर ने 1978 में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत को पहली टेस्ट जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। यहां पहले दो टेस्ट मैच हारने के बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी की। यहां ऑस्ट्रेलिया को धूल चटा भारत को 222 रनों की ऐतिहासिक जीत मिली।
बता दे चंद्रशेखर को एक तेज लेग स्पिनर को तौर पर पहचाना जाता था। वे अपने अनोखे बॉलिंग एक्शन के लिए भी जाने जाते थे।