June 29, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

ध्यान से बेहतर कुछ नहीं, पर हर किसी के लिए नहीं 

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए अचूक उपाय समझा जाने वाला ‘ध्यान’ हर किसी के लिए सुखद अनुभव देने वाला हो, यह जरूरी नहीं है। वैज्ञानिकों ने ऐसा दावा किया है जो ऐसे अभ्यासों में और शोध की वकालत करते हैं।

ब्रिटेन की यूनिर्विसटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) की अगुवाई में हुए शोध में पाया गया कि नियमित ध्यान करने वाले एक चौथाई लोगों को इस अभ्यास से जुड़ा ‘विशेष रूप से अप्रिय’ मनोवैज्ञानिक अनुभव हुआ। इन अनुभवों में डर एवं विकृत भावनाएं शामिल थीं।

इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो एकांत में ध्यान लगाते हैं, जो सिर्फ चिंतनशील प्रकार का ध्यान करते हैं जैसे विपश्यना और कोअन अभ्यास (जैन बौद्धों द्वारा किया जाने वाला) और जिनमें नकारात्मक सोच का स्तर बढ़ा हुआ होता है, वे ध्यान संबंधी अनुभव को विशेषकर अप्रिय बताते हैं।

हालांकि अध्ययन में पाया गया कि महिला प्रतिभागियों एवं धार्मिक विश्वास रखने वालों को नकारात्मक अनुभव कम हुआ। इसमें 1,232 प्रतिभागियों पर किया गया अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सर्वेक्षण शामिल था जिन्होंने कम से कम दो महीने ध्यान किया हो। यह अध्ययन ‘प्लस वन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

 

Related Posts