दांतों तले ऊँगली दबा लेंगे : चॉकलेट में कीड़े होने हैं जरूरी!
कोलकाता टाइम्स :
चॉकलेट लोगों को बचपन से ही पसंद होती है। चॉकलेट के दीवाने आपको दुनिया भर में मिल जाएंगे। बच्चे हों या बड़े, लड़की हो या लड़का चॉकलेट हर किसी की पहली पसंद होती है। लेकिन चॉकलेट सिर्फ खाने के लिए इस्तेमाल होती है ऐसा नहीं है। चॉकलेट खाने के अलावा कई ऐसे तरीकों से भी यूज की जाती है जिसे सुनकर आप दांतों तले उंगली भी दबा लेंगे। जानिए टॉकलेट से जुड़ी ऐसी बातें जो पहले न कभी पढ़ी ना सुनी होगी।
कैश की जगह दी जाती है चॉकलेट
चॉकलेट को कैश यानि की कंरेसी की तरह प्रयोग की जाती थी। कहा जाता है कि सबसे पहले माया सभ्यता के लोगों ने चॉकलेट को खोजा था। तब चॉकलेट बनाने वाले कोको के दानों को करेंसी और लेन-देन की तरह इस्तेमाल किया जाता था। इसको देकर जरूरत की चीजें खरीदी जाती थीं।
बॉडी पेंट
ये कितना भी हैरान करने वाला ही क्यों न हो लेकिन सच है कि चॉकलेट को बॉडी पेंट की तरह भी कई जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है। चॉकलेट में त्वचा को निखारने और सेहतमंद बनाए रखने की कई गुण होते हैं इसलिए इसे त्वचा पर लगाने से कोई नुकसान नहीं होता बल्कि फायदा ही मिलता है।
दांतों को रखती है स्वस्थ
चॉकलेट दांतों को खराब करती है ये तो हर कोई कहता है पर लोग ये नहीं बताते की चॉकलेट से दांतों को स्वस्थ भी रखा जा सकता है। दांतों को साफ रखने के लिए फ्लोराइड से ज्यादा फायदेमंद चॉकलेट है।
कपड़े
चॉकलेट के कपड़े ऐसे जो पहने भी जा सके और खाए भी। एक फैशन शो के लिए डिजाइनरों ने चॉकलेट से बनी ड्रेस शो केस करी थी।
कार और एयरशिप चलाने के लिए
एस्चेरीचिया कोलाई बैक्टीरिया जब चॉकलेट खाता है तो हाइड्रोजन उत्पन्न करता है। इसे ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। चॉकलेट से पैदा होने वाला ये ईंधन वाहनों से बढ़ते प्रदूषण को कम कर सकता है।
परफ्यूम
चॉकलेट को परफ्यूम के लिए इस्तेमाल करते हैं। चॉकलेट की महक ऐसी होती है जो किसी को भी मदहोश कर दे। यही कारण है कि चॉकलेट परफ्यूम सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं।
चॉकलेट की नदी
1971 में चॉकलेट की नदी हुआ करती थी। इसे बनाने के लिए चॉकलेट और क्रीम को 15,000 गैलन पानी में मिलाया था। हालांकि क्रीम के कारण वो जल्दी सड़ गई और उससे बेहद बुरी बदबू आने लगी।
सफेद चॉकलेट है नकली
सफेद चॉकलेट असली चॉकलेट नहीं है। हां, हम सभी को झूठ बोला गया है। असली चॉकलेट के रूप में वर्गीकृत करने के लिए उसमें कोको होना जरूरी है। लेकिन सफेद चॉकलेट में कोको की जगह मक्खन होता है। इसे चॉकलेट कहे जाने की अनुमति इसलिए दी गई है क्योंकि इसमें 20 प्रतिशत कोको मक्खन होता है।
चॉकलेट चिप कुकी एक दुर्घटना थी
1930 में रूथ वेकफील्ड के पास चॉकलेट खत्म हो गई थी जिसे वो अपनी बेकिंग के लिए इस्तेमाल कर सकें। इसकी जगह उन्होंने नेस्ले चॉकलेट के टुकड़े इस्तेमाल कर लिए। इसी तरह उन्होंने गलती से चॉकलेट चिप कुकीज़ बनाई। बाद में उन्होंने जीवनभर फ्री चॉकलेट के लिए अपना ये आइडिया नेस्ले को बेच दिया।
ज्यादा चॉकलेट खाने से हो जाएगी मौत
चॉकलेट में ‘थियोब्रोमाइन’ नामक एक शक्तिशाली उत्तेजक भारी मात्रा में होता है। इससे दिल का दौरा, गुर्दे को नुकसान और पानी की कमी हो जाती है। 40 से ज्यादा डेरी मिल्क चॉकलेट खाने पर थियोब्रोमाइन की मात्रा 22 एलबी हो जाती है जो जानलेवा है।
चॉकलेट में कीड़े होना है जरूरी
औसतन एक चॉकलेट बार में लगभग आठ कीड़ों के हिस्से होते हैं लेकिन फिर भी इसे खाने के लिए सुरक्षित माना जाता है। 100 ग्राम चॉकलेट में 60 कीड़ों के हिस्से मिलने पर चॉकलेट को असुरक्षित कहा जाता है।
600 किलो के रजनीकांत
चेन्नई में रजनीकान्त के लिए 2016 में 600 किलो चॉक्लेट की 6 फुट की एक मूर्ति बनाई गई थी। जुका कैफे के श्रीनाथ बालाचंद्रन ने रजनीकान्त की ये मूर्ति बनाई थी। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम और महात्मा गांधी के लाइफ साइज़ चॉक्लेट मूर्ति बनाने के बाद जुका कैफे ने लोगों से एक सर्वे में पूछा कि वे अगली मूर्ति किसकी देखना चाहते हैं। इस सर्वे में 72% लोगों ने रजनीकान्त के लिए वोट दिया था। दो हफ्ते में बनी इस मूर्ती को रजनीकान्त के इन्डस्ट्री में 40 साल पूरे होने और उनको ‘पद्म विभूषण’ से नवाजे जाने के बाद बनाया गया था।