खतरा और दर्द झेलकर साबित करो की हो गए जवान
कोलकाता टाइम्स :
जवान होना हर इन्सान के जीवन में मुख्या पड़ाव होता है लेकिन कई समाजों में खासकर आदिवासी समाजों में जवान होने का दर्जा प्राप्त करने के लिए कई खतरनाक, दर्दनाक और विचित्र परम्पराओं से गुजरना पड़ता है।
इनको सफलतापूर्वक पास करने के बाद ही उन्हें जवान होने का दर्ज़ा देकर मुख्य धारा में शामिल किया जाता है। आज हम आपको ऐसी ही परम्पराओं के बारे में बताएँगे जिसको पढ़कर आप भगवान को शुक्रिया अदा करेंगे की आपको किसी ऐसे समाज में जन्म नहीं दिया।
1. खतरनाक ‘बुलेट आंट’ से खुद को कटवाना- सतेरे-मो नामक जनजाति के लोग एक अजीबोगरीब परंपरा को निभाते आ रहे हैं, इस जनजाति के लोग लड़कों को एक खतरनाक कीड़े-मकोड़ों (बुलेट आंट) से भरा दस्ताना पहनाते हैं। अगर संबंधित लड़का उस दस्ताने को बिना किसी परेशानी या दर्द के दस मिनट तक पहनकर रखता है तो वह वयस्क कहलाता है। लेकिन यदि वो बुलेट आंट के काटने से होने वाले दर्द के कारण रो देता है तो उसे वयस्क नहीं माना जाता है। बुलेट आंट के कारण बहुत तेज़ दर्द होता है। 10 मिनिट तक इन चीटियों से कटवाने के बाद हाथ कई दिनों के लिए सूज जाता है।
2. खतना- इस्लाम धर्म में पुरुषों का खतना करने की परंपरा है लेकिन मध्यपूर्व और एशिया के बहुत से ऐसे देश हैं जहां युवा होते ही लड़कियों का भी खतना किया जाता है। यह बेहद खतरनाक और घातक प्रक्रिया है लेकिन इसे एक परंपरा के तौर पर सदियों से अपनाया जा रहा है।
3. चार दिन तक लगातार जागना- मदान जनजाति के युवक केवल तभी योद्धा कहलाए जा सकते हैं जब उन्हें चार दिन का व्रत रखने और एक मिनट के लिए भी ना सोने के पश्चात उनकी छाती से एक तार निकालकर उन्हें छत से टांग दिया जाता है। अगर वे इस कसौटी को सफलतापूर्वक पार जाते हैं तो वे योद्धा कहलाते हैं।
4. बहुत बड़ी उम्र की स्त्री के साथ संभोग- प्राचीन यूनान में यह परंपरा थी कि मिलिट्री में आने से पहले किसी भी युवक को अपने से उम्र में बहुत बड़ी महिला के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने होते थे।
5. शैतानी शक्ति को शरीर में प्रवेश करवाना- केन्या की ओज़िक जनजाति के लोग आज भी एक रहस्यमय रिवाज को अपनाते हैं। वे युवावस्था में कदम रख रहे लड़के या लड़की के शरीर को पूरी तरह से क्ले में ढककर रखते हैं। इसके बाद उनके अनुसार कोई शैतानी शक्ति उनके शरीर में प्रवेश कर जाती है। जब तक वे उस शैतानी शक्ति की आवाज को निकालने में कामयाब नहीं हो जाते तब तक वे वयस्क नहीं कहलाते।