November 23, 2024     Select Language
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कोलकाता टाइम्स : एक अघोरी की इन तीन सच्चाई उड़ा देंगे आपके होश  

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कोलकाता टाइम्स : 

म बात कर रहे हैं अघोरियों की जो इंसानी खोपड़ी को प्‍याला बनाकर उसमें में शराब पीते हैं। श्‍मशान को बिस्‍तार बनाकर चिता की चादर ओढ़ते हैं। वो मूर्दों से जिंदगी उधार लेते हैं लेकिन उनकी खुद की जिंदगी सदियों से रहस्‍य के पर्दे में है।
आपको शायद ही पता हो कि अघोरी बनने के लिए क्‍या-क्‍या करना पड़ता है। वैसे तो साधुओं के लिए मांस, मदिरा या शारीरिक संबंध जैसी चीजें पूरी तरह निषेध होती हैं लेकिन अघोरी बनने के लिए लाश पर पूजा करना, मांस खाना, मैथुन और मदिरा का सेवन करना अनिवार्य होता है। आप सुनकर दंग रह जाएंगे कि अघोरी मुर्दों के साथ संभोग भी करते हैं। तो आईए आपको विस्‍तार से बताते हैं कि अघोरी बनने के लिए ये शर्तें क्‍यों जरुरी हैं:
श्‍मशान की साधाना में इंसानी चोलों को उतारकर फेंक देने वाले अघोरी मूर्दों में भगवान ढूंढते हैं। ऐसा करने से अघोरियों को अघोर दीक्षा की प्राप्‍ती होती है।

मांस सेवन अघोरियों के दृष्टिकोण से मांस का सेवन यह साबित करता है कि सीमा शब्द उनके लिए मायने नहीं रखता और सब कुछ एक ही धागे से बंधा हुआ है। इसलिए वे इंसान के मांस के साथ-साथ उसके रक्त का भी सेवन करते हैं।

मैथुन : अघोरी अपनी साधाना पूरी करने के लिए मैथुन (हस्‍तमैथुन) भी करते हैं। कई अघोरी तो अपनी साधना पूरी करने के लिए मृत शरीर के साथ संभोग भी करते हैं।

मदिरा सेवन : अघोरी अपने अराध्‍य को मदिरा अर्पण करते हैं और फिर प्रसाद के तौर पर उसका बेहिसाब सेवन करते हैं। आप सुनकर दंग रह जाएंगे कि अघोरी इंसानी खोपड़ी को प्‍याला बनाकर उसी में मदिरा सेवन करते हैं। वो जो कुछ भी खाते या पीते हैं वो सिर्फ इंसानी खोपड़ी में।

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