अगर ऐसे सोते हैं आप तो सेहत छोड़ देगी आपका साथ…
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कोलकाता टाइम्स :
औसतन हम अपने जीवन के 25 साल सोने में बिताते हैं। 1 सप्ताह में 168 घंटे होते हैं जिनमें से रोजाना कम से कम से 8-9 घंटे तो आप आपने कार्यक्षेत्र में बिताते ही होंगे। यानी लगभग 81 घंटे काम करते हुए बिताने के बाद आपके पास बचते हैं 87 घंटे।
डॉक्टर्स की सलाह के अनुसार हर दिन 7-9 घंटे सोना हमारे शरीर की थकावट दूर करने और मस्तिष्क का सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है। तो अब आप अगर रोज 8 घंटे भी सोते हैं तो आप सप्ताह में 64 घंटे सोने में बिताते हैं बाकी बचे 23 घंटों में आप आपके अन्य दैनिक दिनचर्या के काम करते हैं।
डॉक्टर्स की सलाह के अनुसार हर दिन 7-9 घंटे सोना हमारे शरीर की थकावट दूर करने और मस्तिष्क का सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है। तो अब आप अगर रोज 8 घंटे भी सोते हैं तो आप सप्ताह में 64 घंटे सोने में बिताते हैं बाकी बचे 23 घंटों में आप आपके अन्य दैनिक दिनचर्या के काम करते हैं।
ऐसे में यह समझा ही जा सकता है कि सोना आपके जीवन की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिस पर ध्यान देना जरूरी है। आपको अपने सोने के घंटों के अलावा अपनी स्लीपिंग पोजीशन पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि कई बार शरीर में होने वाले कुछ दर्द केवल गलत तरह की पोजीशन में सोने की ही देन होते हैं। गलत तरह की पोजीशन में सोने से कई बार गहरी नींद नहीं लग पाती व अन्य समस्या जैसे चिड़चिड़ापन, किसी काम में ध्यान न दे पाना, दिमाग का ठीक से काम न करना, चीजें याद न रहना आदि होती हैं।
आपने अपनी नींद के बारे में एक बात जरूर गौर की होगी कि चाहे आपके रात का सोने का समय बदलता रहता हो लेकिन जब भी आपकी नींद खुलती है, तब आप खुद को अक्सर एक ही तरह की सोती हुई अवस्था में पाते होंगे, क्योंकि हम में से हर किसी की 1-2 तरह की पसंदीदा स्लीपिंग पोजीशन होती है और हम उसी अवस्था में सोते हैं।
आमतौर पर 6-7 तरह की स्लीपिंग पोजीशन होती है, लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आपकी स्लीपिंग पोजीशन कौन सी है? हर स्लीपिंग पोजीशन के शरीर को कुछ फायदे व कुछ नुकसान होते हैं। आइए जानते हैं कि विभिन्न प्रकार की सोने की पोजीशन और उनका सेहत पर असर…