सावधान ! कही आप भी तो नहीं खा रहे केमिकल वाले केले?
कोलकाता टाइम्स :
फल खाने से सेहत अच्छी रहती है इसलये हम फल कहते भी हैं। डॉक्टर्स का भी मनना है की फल खाने से सेहत स्वस्थ रहती है। अधिकतर लोगों को फल में केले अच्छे लगते हैं। इन्हें खाने में झंझट नही होती और आसानी खाया जाने वाला है ये फल। अब बात कर रहे हैं केले की तो इसके फायदे तो हैं लेकिन कुछ नुकसानों को भी जान लीजिये। बाज़ार में आने वाले केले कार्बाइड युक्त पानी में भिगाकर पकाए जा रहे हैं , इस प्रकार के केले खाने से 100% कैंसर या पेट का विकार हो सकता है। इसलिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करें और ऐसे केले ना खाएँ।
कैसे पहचाने केले हैं कार्बाइड युक्त – यदि केले को प्राकृतिक तरीके से पकाया है तो उसका डंठल काला पड़ जाता है और केले का रंग पीला हो जाता है। साथ ही केले पर थोड़े काले दाग रहते हैं। यदि केले को कार्बाइड का इस्तेमाल करके पकाया गया है तो उसका डंठल हरा होगा और केले का रंग लेमन यलो अर्थात नींबुई पीला होगा इतना ही नही ऐसे केले का रंग एकदम साफ पीला होता है उसमे कोई दाग धब्बे नहीं होते।
कार्बाइड है क्या आख़िर – यदि कार्बाइड को पानी में मिलाएँगे तो उसमें से उष्मा (हीट) निकलती है जिससे गाँव में गैस कटिंग इत्यादि का काम लिया जाता है । जब किसी केले के गुच्छे को ऐसे केमिकल युक्त पानी में डुबाया जाता है तब उष्णता केलों में उतरती है और केले पक जाते हैं। बेचने वाले इतने मझदार नही होते कि इस केमिकल को कितनी मात्रा में मिलाया जाए। ज्यादा मात्रा में केमिकल होने से –
1. पाचन्तन्त्र में खराबी शुरू हो जाती है।
2. आखों में जलन।
3. छाती में तकलीफ़।
4. जी मिचलाना।
5. पेट दुखना।
6. गले मैं जलन।
7. अल्सर।
8. ट्यूमर का निर्माण भी हो सकता है।