July 1, 2024     Select Language
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दिलकश, खूबसूरत इस गायिका के पास आने से कतराता है हर कोई, वजह है ऐसी 

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कोलकाता टाइम्स :

स्तूरी हिरण के बारे में तो सबने सुना होगा कि हिरण पूरे जंगल में हमेशा भागता रहता है क्योंकि उसे कस्तूरी की तलाश होती है लेकिन क्या आपको पता है कि असल में कस्तूरी हिरण की नाभि होता है। उसकी नाभि से आ रही कस्तूरी की खुशबू  उसे पूरे जंगल में भागने को मजबूर करती है।

आप सोच रहे होंगे कि इस कहानी को हम क्यों बता रहे हैं, तो आज आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी कस्तूरी हिरण से कम नहीं है। जी हां इस लड़की के शरीर से भी एक अजीब स्मेल आती है बस फर्क सिर्फ इतना है की कस्तूरी हिरण के नाभि से खुशबू आती है और इस लड़की के शरीर से बदबू आती है। कस्तूरी हिरण का तो हमें भी नहीं पता लेकिन जिस लड़की के बारे में हम आगे बताने जा रहे हैं उसके बारें में  जानकर आप जरूर हैरान हो जाएंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है! पर आपको बता दें कि इस दुनिया में कुछ भी संभव है…ऐसा भी हो सकता है!

22 साल की कैसी ग्रेव्स पेशे से गायिका हैं और लंदन में रहती हैं। कैसी बहुत खूबसूरत हैं, दिलकश अंदाज है, आवाज भी काफी अच्छी है, इसके बावजूद कोई भी उनके पास आना पसंद नहीं करता है।  यहां तक कि उनकी बहन भी नहीं। ऐसा क्यों इसका जवाब कस्तूरी हिरण की कहानी में ही छुपा है।

बता दें कि ग्रेव्स के शरीर से एक अजीब सी गंध आती है जो कोई भी बर्दाश्त नहीं कर पाता। वैसे गंध तो सभी के शरीर से आती है लेकिन ग्रेव्स के शरीर सें आने वाली गंध उनके पसीने की नहीं है बल्कि उसके शरीर से हमेशा निकलने वाली मछली की गंध है।

यह गंध इतनी ज्यादा होती है कि अगर ग्रेव्स तुरंत नहाकर ही क्यों न आए लेकिन उसके शरीर से मछली की यह बदबू आती रहती है। यह बदबू इतनी तेज होती है कि डियोड्रेंट या परफ्यूम से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां तक की वह जिस कमरे में होती है उसमें मछली की बदबू आने लगती है। इस कारण से बचपन में ग्रेव्स की मां ने उन्हें स्कूल भी नहीं भेजा क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि बच्चे ग्रेव्स का मजाक उड़ाएं।

सोचने की बात यह है कि आखिर ग्रेव्स के शरीर में ऐसा क्या है? क्या वह जलपरी है? तो ऐसा कुछ भी नहीं है। ग्रेव्स को ट्राइमिथाइलमिनुरिया(टीएमएयू) नाम की बीमारी है जो फिश ओडर सिंड्रोम के नाम से भी जानी जाती है। यह एक रेयर प्रकार का चपापचय विकार है जिसके कारण शरीर खाने के माध्यम से शरीर में पहुंचने वाली ट्राइमिथाइलमाइन को तोड़ नहीं पाती है और शरीर से मछली की गंध आती है।

इस बीमारी का एकमात्र इलाज है कि खाने की कुछ चीजों जिनमें टीएमएयू होते हैंए खाने में परहेज किया जाए। फिशए एग योक दलहन, रेड मीट, मछली, बींस जैसी चीजों में टीएमएयू होता है और इस कारण फिश ऑर्डर सिंड्रोम से पीडि़त लोगों को इन चीजों से परहेज करना पड़ता है।

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