May 19, 2024     Select Language
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पूजा-पाठ में क्यों करते हैं नारियल और सुपारी का उपयोग, जानें इसका महत्व

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कोलकाता टाइम्स : 

पूजा-पाठ, हवन या किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में आपने देखा होगा कि नारियल और सुपारी का उपयोग किया जाता है। जब भी हम गृह प्रवेश करते हैं या फिर नया वाहन लाते हैं तो पूजा के समय नारियल फोड़ा जाता है। इसे शुभ माना जाता है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। नारियल का जहां औषधीय गुण होता है, वहीं पूजा के दौरान यह प्रतीक स्वरूप इस्तेमाल किया जाता है।

हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार, कोई भी पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती है, जब तक की गणेश जी की पूजा न हो। पंडित जी पूजा के समय सुपारी को गणेश जी के प्रतीक स्वरूप और नारियल को माता लक्ष्मी के प्रतीक स्वरूप पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि पूजा में नारियल और सुपारी रखने से सभी कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न होते हैं।

ऐसी भी मान्यता है कि किसी सुपारी की पूजा करके उसे हमेशा अपने पास रखते हैं तो उसका प्रभाव चमत्कारिक होता है। ऐसा करने से कभी रुपये-पैसे की तंगी नहीं रहती है।

ज्योतिषीय उपायों में भी सुपारी के चमत्कारी गुण बताए गए हैं। यदि आप सुपारी को जनेऊ में लपेटकर पूजा करते हैं और उसे घर की तिजोरी में रखते हैं तो सुख-समृद्धि आती है। घर में साक्षात् लक्ष्मी माता का वास होता है। जनेऊ में लिपटी सुपारी गौरी गणेश का प्रतिरूप हो जाती है।

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