January 19, 2025     Select Language
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अपने खून से ‘दाग-कोरोना’ मिटाना चाहते हैं तब्लीग  

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कोलकाता टाइम्स :

कोरोना से इलाज में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से जिस कोरोना पीड़ित मरीज का इलाज किया गया वो अब कोरोना के संक्रमण से ठीक हो गया है। इस व्यक्ति के पिता की कुछ दिन पहले कोरोना से ही मौत हो गई थी। मरीज की मां और बहन भी कोरोना से रिकवर कर चुकी हैं। 8 अप्रलै को भर्ती हुए इस मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद इसे प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी।

दूसरे तरफ भारत में जिन तब्लीग़ियों को कोरोना फ़ैलाने के लिए सबसे बड़े जिम्मेदार ठहराया जा रहा है वही कोरोना मिटने के लिए आगे आ रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी के बारे में पता चलते ही तब्लीग ए जमात के सदस्य तिरपुर के रहनेवाले 38 वर्षीय मोहम्मद अब्बास इस थेरेपी के लिए अपना खून देने के लिए खुद आगे।  अब्बास कोरोना पॉजिटिव थे और रविवार को कोयम्बटूर अस्पताल ठीक होकर लौटे हैं।  उन्होंने जिला प्रशासन के साथ अस्पताल गए और इस थेरेपी में मदद की बात कही। अब्बास ने बताया, ‘में ठीक होते ही तब्लीग ए जमात के दूसरे सदस्य जो कोरोना मुक्त हो गए हैं उनसे फोन पर संपर्क कर इस थेरेपी में आगे आने को कहा। ‘

दूसरी और एक दैनिक अख़बार के अनुसार तब्लीग मुखिया मौलाना साद ने भी इस थेरेपी में मदद की अपील की है।

प्लाज्मा थेरेपी के लिए पहली शर्त यही है की कोरोना से संक्रमित मरीज के ही खून से प्लाज्मा कोरोना पीड़ित को दिया जाता है। मैक्स हेल्थ के ग्रुप डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी देने के लिए ये जरूरी होता है कि कोई ऐसा मरीज मिले जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुका हो। और 14 दिन बीत चुके हों। प्लाज्मा थेरेपी के लिए सबसे मुश्किल काम डोनर का इंतजाम करना होता है।

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